Jamshedpur Today News:सिख कौम ने सदा देश के लिए बलिदान दिया – रघुवर

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*राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत रहे हैं सिख- रघुवर*
*प्रदेश सह संयोजक कुलवंत सिंह बंटी के उपस्थिति में चारों विधानसभा में सम्पन्न हुए कार्यक्रम*
जमशेदपुर:। “निक्कियां जिंदां, वड्डा साका”…इन लफ्जों को सुनते ही सिख संगत दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की शहादत को याद करती हैं। गुरु गोबिंद सिंह जयंती के अवसर पर सिखों को सम्मान देते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 26 दिसंबर को घोषित वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य पर आज किताडीह स्तिथ गौरी भवन मैदान में कार्यक्रम संयोजक धर्म सिंह वालिया एवं सह संयोजक नवजोत सिंह के नेतृत्व में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, पोटका की पूर्व विधायक मेनका सरदार, सह संयोजक कुलवंत सिंह बंटी झारखंड गुरुद्वारा कमिटी के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह, भाजपा जिला अध्य्क्ष गुंजन यादव, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष गुरदेव सिंह राजा एवं पूर्व जिला अध्य्क्ष दिनेश कुमार उपस्तिथ हुए।

*गुरु घर में माथा टेक साहिबज़ादों की शहादत को किया नमन।*

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किताडीह गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका और साहिबज़ादों की याद में आयोजित अरदास में समिल्लित हुए। गुरुद्वारा कमिटी द्वारा प्रधान जगजीत सिंह गांधी के नेतृत्व में रघुवर दास का अभिनंदन एवं स्वागत किया गया। गुरूद्वरा कमिटी के सदस्यों, स्त्री सत्संग सभा एवं नौजवान सभा एवं क्षेत्र की संगत ने उपस्तिथ होकर “बोले सो निहाल- सतश्रीअकाल” का जयकारा दे कर माननीय प्रधानमंत्री जी के इस ऐतिहासिक घोषणा का अभिवादन कर धन्यवाद किया। उपस्तिथ संगत ने अपने प्रधान के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री को क्षेत्र की मूल-भूत समस्याओं से अवगत कराया गया। रघुवर दास ने भी गंभीरता पूर्वक समस्याओं को सुना और संबंधित विभाग के उच्च स्तरीय पदाधिकारी से बात कर जल्द निष्पादन का आश्वासन दिया।

*सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए ज़रूरतमंदों के बीच बाटा गया कंबल ।*

कार्यक्रम के दूसरे पहर में गौरी भवन मैदान में पोस्टकार्ड अभियान के तहत उपस्तिथ लोगों ने पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर कर नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। साथ ही कार्यक्रम स्थल पर 200 जरूरतमंदों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के हाथों कंबल का वितरण किया गया।

संगत को संबोधित करते हुए रघुवर दास ने सिखों की कौम को राष्ट्रनिर्माता के नाम से संबोधित करते हुए वीर साहिबज़ादों के साहस के बारे बताया। छोटी उमर पर बड़ी शहादत का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार हिन्दू धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए बाबा अजित सिंह और बाबा जुझार सिंह ने वीरता का परिचय देते हुए जंग के मैदान में मुग़लों से लड़े और शहीदी प्राप्त की, वही दोनो छोटे सहिबज़ादे बाबा ज़ोरावर सिंह एवं बाबा फतेह सिंह को अल्प आयु में दीवारों में मुग़लो द्वारा चिनवा दिया गया, परंतु उनके अंदर डर की कोई झलक तक नहीं थी। रघुवर ने कहा कि इतनी कम उम्र में ऐसा बलिदान शायद ही किसी इतिहास में देखने को मिलता हैं। सिख कौम ने धर्म और राष्ट्र केलिए सदा संघर्ष किया हैं और बलिदान दिया हैं।

कार्यक्रम में उपस्तिथ मेनका सरदार ने भी साहिबज़ादों की शहादत को प्रणाम किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए घोषणा की भूरी भूरी प्रशंसा की।

संगत को झारखंड गुरूद्वरा कमिटी के प्रधान सरदार शैलेंदर सिंह एवं अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष गुरदेव सिंह राजा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन घाघीडीह मंडल अध्य्क्ष संदीप शर्मा बॉबी ने किया व धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश संयोजक कुलवंत सिंह बंटी ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से किताडीह गुरूद्वरा के प्रधान जगजीत सिंह गांधी , चैयरमैन गुरमेल सिंह, उपाध्यक्ष रतन सिंह , हरविंदर सिंह बिल्ला, गुरदीप सिंह सोढ़ी, परमजीत सिंह काले, परमजीत सिंह, ओंकार सिंह, हरदेव सिंह ,हरदयाल सिंह, नौजवान सभा के प्रधान त्रिलोचन सिंह, दिलजीत सिंह, हरजीत सिंह, जसविंदर सिंह वालिया, स्त्री सत्संग सभा की प्रधान मनजीत कौर, कमलजीत कौर, ज्योत्सना शर्मा, सरबजीत कौर ,अरविंदर कौर, गुरदेव सिंह राजा, शैलेंदर सिंह, गुरदीप सिंह पप्पू, मंजीत सिंह, राकेश सिंह, भूपिंदर सिंह, हरदीप सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, जसपाल सिंह, सुरजीत सिंह, तेजिंदर सिंह, युवराज सिंह, रिकी सिंह, प्रिंस सिंह, सुशील सिंह, गौरी शंकर सिंह , ममता लाल, अर्जुन सिंह वालिया, भूपिंदर सिंह, गुरविंदर सिंह, हरबंस सिंह, सुखविंदर सिंह, सतपाल सिंह, साहिल कंडियारे उपस्तिथ थे।

कार्यक्रम को सफल बनाने में संदीप शर्मा बॉबी, कुलवंत सिंह बंटी, अमरजीत सिंह राजा, सतबीर सिंह सोमू, रॉकी सिंह, चंचल भाटिया, सुरिंदर सिंह शिंदे, तेजिंदर सिंह जॉली, नवजोत सिंह, गुरजिंदर सिंह पिंटू का अहम योगदान रहा।

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