Jamshedpur
हिंदुस्तानी सेना के वीरता शौर्य और पराक्रम की कहानी हैं वर्ष 1971 का भारत पाकिस्तान युद्ध। 03 से 16 दिसम्बर यानी मात्र 14 दिनों की इस लड़ाई में हमारी सैन्य रणनीति और सैनिकों के बुलंद हौसलों की वजह से 93000 से भी ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया और दुनिया के युद्ध इतिहास का एक अविस्मर्णीय दिन बन गया,जिसे हम हिंदुस्तानी विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। युद्ध इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी देश की सेना ने अपने पराक्रम से सिर्फ इतिहास ही नहीं रचा बल्कि दुनिया के नक्शे पर एक नए देश बांग्लादेश का उदय कर भूगोल भी बदल दिया। हमें उन वीर शहीदों को आज नमन करना चाहिए।आज विजय सन्देश के माध्यम से संगठन के सदस्यों ने शहर के 5 विद्यालयों में विजय संदेश पढ़कर सुनाया और शूभकामनाएँ प्रेषित की। इन विद्यालयों में पढ़े गए विजय संदेश NTTF गोलमुरी में राय दीपक सरकार एवं हिरेश द्वारा पढ़ा गया । सरस्वती शिशु मंदिर में पेटी ऑफिसर कुंदन सिंह द्वारा विजय संदेश पढ़ा गया एवं 1971 के वीर नायक शिवनाथ सिंह भी वहाँ उपस्थित रहे, एवं पूर्व सैनिकों को अंगवस्त्र और पुष्प देकर सम्मानित किया।जबकि अन्य विद्यालयों में वहाँ के शिक्षकों ने विजय संदेश बच्चों को सुनाया।
शहीद स्मृति स्थल गोलमुरी में आज पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने
विजय दिवस के शौर्यमय अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित किया। इस अवसर पर पूर्व सैनिकों ने एकत्रित होकर भारतमाता की जय और वीर शहीद अमर रहें के उदघोष से वातावरन में ओज भर दिया।अपने संबोधन में संगठन् की शक्ति और वीरों के सम्मान तथा शहीद परिवारों को सहयोग करने का भी संकल्प लिया गया। अंगवस्त्र और पुष्प देकर सम्मानित किया।
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