Jamshedpur Today NEWS;16 जनवरी से शुरू शादी सीजन में जून तक इस बार 70 लाख शादियां और झारखण्ड में लगभग 5 लाख शादियों का अनुमान

देश भर में 13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने की संभावनाएं-बाजार पूरी तरह तैयार*

82

जमशेदपुर।
पिछले वर्ष शादियों के सीजन में हुए जोरदार व्यापार से उत्साहित होकर दिल्ली सहित देश भर के व्यापारी अब 16 जनवरी से शुरू होकर जून महीने तक चलने वाले शादी के बड़े सीजन में बड़े व्यापार करने की कोशिशों में जुट गए हैं | 15 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू होकर जून तक के लगभग 6 महीनों के शादी सीजन में देश भर में लगभग 70 लाख शादियाँ होने का अनुमान है जिसके कारण अकेले शादियों की वजह से इस सीजन में लगभग 13 लाख करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार होना आंका जा रहा है- यह कहते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थलिया ने कहा की भारत के साथ झारखण्ड में इस सीजन में लगभग 5 लाख से ज्यादा शादियाँ होने का अनुमान है जिससे झारखण्ड में ही लगभग 50 लाख करोड़ रुपए के व्यापार की सम्भावना है ।पिछले वर्ष नवम्बर से दिसंबर तक के महीने में शादियों के चरण में लगभग 32 लाख शादियाँ हुई थी तथा लगभग 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ था ।

सोन्थलिया ने बताया की शादी के इस सीज़न में लगभग 10 लाख शादियों में प्रत्येक शादी में लगभग 3 लाख रुपए खर्च होंगे, लगभग 10 लाख शादियों में प्रति शादी खर्च लगभग 5 लाख प्रति शादी होगा ,15 लाख शादियाँ जिनमें 10 लाख प्रति शादी,10 लाख शादियाँ जिनमें 15 लाख प्रति शादी, 10 लाख शादियाँ जिनमें 25 लाख प्रति शादी ,10 लाख शादियाँ जिनमें 35 लाख प्रति शादी,3 लाख शादियाँ जिनमें लगभग 50 लाख प्रति शादी एवं 2 लाख शादियां ऐसी होंगी जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक धन खर्च होगा ! कुल मिलाकर इस एक महीने के शादी के सीजन में लगभग 13 लाख करोड़ रुपये का धन प्रवाह बाज़ारों में इस वर्ष शादी की खरीदी के माध्यम से होना संभावित है ।
सोन्थलिया ने कहा की शादियों के सीजन के अच्छे व्यापार की संभावनाओं को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं और पिछली बार के हुए रिकॉर्ड कारोबार से उपजे उत्साह को बाज़ारों में बरकरार रखने के सभी प्रबंध किये जा रहे हैं ! उन्होंने बताया की प्रत्येक शादी का लगभग 80 प्रतिशत खर्च शादी को सम्पन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है जबकि मात्र 20 प्रतिशत पैसा ही वर-वधू के परिवारों को सीधा मिलता है ।ख़ास बात यह है की यह 80 प्रतिशत पैसा कहीं रुकता नहीं है बल्कि घूम फिरकर तरह तरह की ख़रीदारी से बाज़ार में ही आता है जिससे वित्तीय तरलता बनी रहती है । इसलिए शादियों का सीजन भी देश में एक बड़े व्यापार का रूप ले चुका है ।

सोन्थलिया ने बताया की शादियों के सीजन से पहले जहां घरों की मरम्मत, पेंट, फ़र्निशिंग, साज सज्जा आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है वहीं ख़ास तौर पर ज्वेलरी, साड़ियां,लहंगे -चुन्नी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, फुटवियर, शादी एवं ग्रीटिंग कार्ड, ड्राई फ्रूट,मिठाइयां,फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाला पूजा का सामान, फर्नीचर, किराना,गिफ्ट आइटम्स, खाद्यान,डेकोरेशन के आइटम्स, बिजली का उपयोगी सामान,इलेक्ट्रॉनिक्स तथा उपहार में देने वाली अनेक वस्तुओं आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में प्रतिवर्ष होता है।

सोन्थलिया ने बताया की झारखण्ड सहित देश भर में बैंक्वेट हाल, होटल, खुले लॉन, फार्म हाउस, सरकारी सामुदायिक भवन,सार्वजनिक पार्क, धर्मशालाएँ, रिहायशी कॉलोनियों में स्तिथ पार्क, क्लब एवं शादियों के लिए अन्य अनेक प्रकार के स्थान को भी बड़ा व्यापार मिलता है ।प्रत्येक शादी में सामान की खरीदारी के अलावा अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़ा व्यापार मिलता हैं जिसमें टेंट डेकोरेटर, फूल की सजावट करने वाले लोग, क्राकरी, कैटरिंग सर्विस, ट्रेवल सर्विस, कैब सर्विस, स्वागत करने वाले प्रोफेशनल समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड-बाजा, शहनाई, आर्केस्ट्रा, डीजे, बारात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट वाले सहित अन्य अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़े पैमाने व्यापार मिलता है !विशेष रूप से पंडितों, तथा शादी कराने वाले ज्ञानवान लोगों के लिए भी शादियों का सीजन एक बड़ी आमदनी का ज़रिया बन गया है वहीं इवेंट मैनज्मेंट एजेंसियों तथा पैकेजिंग के लिए भी यह एक बड़े व्यापार के रूप में उभरा है ।
कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान कमेटी के चेयरमैन, प्रकांड वेद मर्मज्ञ एवं देश के विख्यात ज्योतिषाचार्य महाकाल की नगरी उज्जैन के आचार्य श्री दुर्गेश तारे ने बताया की तारों की गणना के अनुसार जनवरी में 9 दिन, फ़रवरी में 14 दिन, मार्च में 6 दिन, मई में 13 दिन तथा जून में 11 दिन शादियों के मुहूर्त के दिन हैं और कुल मिलाकर यह 53 दिन मुहूर्त के होते हैं । श्री तारे ने यह भी कहा कि सनातन धर्म के अलावा आर्यसमाज, सिख बंधु, पंजाबी बिरादरी, जैन समाज सहित देश में अन्य अनेक वर्ग हैं जो मुहूर्त के बारे में विचार नहीं करते वो भी इस सीजन में तथा इसके अलावा अन्य दिनों में भी अनेक लोग शादी समारोह आयोजित करेंगे

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More