Jamshedpur Today News:आनंद मार्गी महिलाओं ने स्वस्थ रहने के लिए चैत महीने के अशोकाष्टमी को सुबह खाली पेट में लाल फूल वाला अशोक के फूल का सेवन किया

267

आनंद मार्गी महिलाओं ने अशोकाष्टमी तिथि को एक पके केले के साथ अथवा जल या दूध के साथ 8 मूंग या उड़द और 8 अशोक फूल या कली सबको एक ग्रास में ग्रहण किया

जमशेदपुर

आज जमशेदपुर के लगभग सभी महिला आनंद मार्गी महिला संबंधित बीमारियों से निजात पाने के लिए “बाबा ” श्री श्री आनंदमूर्ति जी के बताए गए लाल फूल वाला अशोक के फूल का सुबह खाली पेट में सेवन किया

लाल फूल वाला सीता अशोक फूल गदरा आनंद मार्ग जागृति, सुनील आनंद के घर से एवं अन्य विभिन्न जगहों से सीता अशोक का लाल फूल सभी महिला आनंदमार्गी को दिया गयाताकि इसका सेवन कर सके
आनंद मार्ग चर्याचर्य पार्ट- 3 में “बाबा” श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने बताएं है कि*अशोकाषष्ठी और अशोकाष्टमी को प्रत्येक ऋतु प्राप्ता नारी

 

एक पके केले के साथ अथवा जल या* *दूध के साथ 6 मूंग या उड़द और 6 अशोक फूल या कली सबको एक ग्रास में निकल जाएंगी उसी प्रकार अशोकअष्टमी तिथि को भी 8 मूंग या उड़द और 8 अशोक फूल या* *कली सबको एक ग्रास में व्यवहार करेगी*
*साधवा और विधवा सभी नारियां अशोकाषष्ठी और अशोकाष्टमी* *व्रत का पालन करेगी अन्यथा भात और रोटी के बदले दिन में फल या फूल खाकर रहेगी रात में भात जातीए चीज नहीं खाएगी*
आज सभी आनंद मार्गी महिलाओं ने बाबा के बताए हुए निर्देश का पालन करते हुए अशोकाष्टमी सुबह खाली पेट में अशोक के फूल का सेवन किया

सीता अशोक शो प्लांट के रूप में लगाए जाने वाले अशोक से भिन्न है
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल जमशेदपुर के सुनील आनंद का कहना है कि आनंद मार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने यौगिक चिकित्सा एवं द्रव्य गुण, आनंद मार्ग चर्याचर्य पार्ट- 3 ,कृषि कथा में अशोक की उपलब्धता एवं औषधीय महत्व के विषय में चर्चा करते हुए बताते हैं कि सीता अशोक शो प्लांट के रूप में लगाए जाने वाले अशोक से भिन्न है। अशोक फूल अधिकांश क्षेत्रों में लाली फूल लिए होते हैं किंतु सुनहरे और पीले अशोक फूल भी होते हैं। अशोक अतिगर्म अंचल, अति शीतल अंचल छोड़कर भारत में सभी जगह अशोक का पेड़ होता है। अशोक का फूल, छाल और मूल नाना प्रकार के औषधीय बनाने में काम आते हैं। विशेषकर विभिन्न प्रकार महिलाओं से संबंधित व्याधियों में अशोक के औषधीय गुण सर्व स्वीकृत है। अशोकासव, अशोकारिष्ट औषधियां अशोक से बनती है। पौराणिक नवपत्रिका( 9 पौधे के पत्तों से बनी देवी मूर्ति) में अशोक अनंतम है। अशोक की अधिष्ठात्री तांत्रिक देवी का नाम है शोकरहित। अशोक का मतलब होता है जहां शोक ना हो।

 

ये है कहानी

कहा जाता है कि रावण ने जब सीता जी का हरण किया था तो रावण के पास बहुत सारी वाटिका थी परंतु सीता जी के स्वास्थ्य लाभ का ध्यान रखते हुए रावण ने सीता जी को अशोक वाटिका में ही रखा क्योंकि अशोक के संपर्क में रहने से महिलाओं से संबंधित बीमारियां का इलाज संभव है। लगभग सभी ऋषि महर्षियों का मानना है कि अशोक महिलाओं के संबंधित बीमारियों में काफी लाभप्रद है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More