Jamshedpur News:आर वी एस इंजीनियरिंग कॉलेज का नया सत्र 2024-25 प्रारंभ

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जमशेदपुर- स्थानीय आर वी एस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में आज से नए सत्र की शुरुआत हो गई। इस अवसर पर कॉलेज के प्रेक्षागृह में एक भव्य उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि, हाइको इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन श्री तापस कुमार साहू ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के अलावा आर वी एस एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री बिन्दा सिंह, सचिव श्री भरत सिंह, कार्यकारी सदस्य श्री शक्ति सिंह, प्राचार्य प्रो० डॉ० राजेश कुमार तिवारी, डीन प्रशासनिक प्रो० कृष्णा मुरारी, और ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट के विभागाध्यक्ष प्रो० डॉ. विक्रम शर्मा भी मंच पर उपस्थित थे। मुख्य अतिथि श्री तापस कुमार साहू ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, आज से आपके भविष्य का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। मैं इण्डस्ट्री फील्ड से हूँ और आपको अभी से ही प्लेसमेंट के लिए तैयारी करनी पड़ेगी। इन चार सालों में केवल इंजीनियरिंग नहीं, बल्कि अपनी दिलचस्पी के अनुसार सोचिए और अपने लक्ष्य को निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिए अपनी कौशल को विकसित कीजिए। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप अपनी कम्यूनिकेशन स्किल को मजबूत करें। ट्रस्ट के सचिव श्री भरत सिंह ने कहा, आर वी एस कॉलेज ने अपने 21 वर्ष पूरे कर लिए हैं और इस सफर में हमने कभी भी गुणवत्ता से समझौता नहीं किया। आप यहाँ सिर्फ डिग्री लेने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि अपने माता-पिता के सपनों को साकार रूप देने आए हैं। अगर आप अनुशासन में रहेंगे तो किसी भी परेशानी का सामना हम मिलकर करेंगे। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार तिवारी ने सभी अभिभावक और छात्रों का स्वागत करते हुए कहा, आप सभी को आर वी एस में नामांकन कराने के लिए बधाई। हमें गर्व है कि आर वी एस कॉलेज देश के चौथे ऐसे कॉलेज के रूप में पहचान प्राप्त कर चुका है जिसने एन० ई० पी० 2020 लागू कर दिया है। हमारे पाठ्यक्रम उसी के तहत चल रहे हैं। आर वी एस कॉलेज पूरे झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल में अनुशासन के लिए विख्यात है और वह दिन ज्यादा दूर नहीं जब हम बी० आई० टी० सिन्दरी से भी आगे होंगे। समारोह की शुरुआत में आयोजन समिति के प्रमुख डॉ सूर्य बहादुर ने सभी का स्वागत किया और बताया कि 15 दिनों तक चलने वाले इस इंडक्शन प्रोग्राम का उद्देश्य छात्रों को कॉलेज के परिवेश में समायोजित करने में मदद करना है। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ सुधीर ने किया।

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