Jamshedpur News:बाल शोषण से निपटने के लिए शिक्षकों और पेशेवरों को सशक्त बनाने की तैयारी

सीआईआई यंग इंडियंस का 'एंबेसडर्स फॉर चेंज' प्रशिक्षण सत्र का आयोजन 27 को सीएफई में

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जमशेदपुर: बाल शोषण की घटनाओं को लेकर आज भी समाज का नजरिया अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है। लोग अक्सर इस तरह के मामलों पर ध्यान नहीं देते। हालांकि सीआईआई यंग इंडियंस इस तरह घटनाओं की रोकथाम को लेकर लोगों को लगातार जागरुक करने का काम कर रहा है। इसी क्रम में सीआईआई यंग इंडियंस (वाईआई) द्वारा जमशेदपुर में पहली बार एंबेसडर फॉर चेंज नाम से प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जा रहा है। यह अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसका मकसद व्यक्तियों, शिक्षकों और पेशेवरों को बाल शोषण की घटनाओं का प्रभावी ढंग से पता लगाने और प्रतिक्रिया देने के लिए सशक्त बनाना है। इस सत्र का प्राथमिक उद्देश्य प्रमुख हितधारकों, विशेषकर शिक्षकों को बाल यौन शोषण के मुद्दे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करना है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से, शिक्षक असुरक्षित परिस्थितियों का सामना करने वाले विद्यार्थियों को उनकी आयु के मुताबिक उपयुक्त जानकारी देने और उन्हें महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए बेहतर ढंग से तैयार होंगे।

वाईआई के मासूम प्रोजेक्ट की अध्यक्ष रश्मि काउंटिया ने बताया कि यह प्रशिक्षण भारत में बाल यौन शोषण (सीएसए) को खत्म करने को लेकर अपने काम के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त मुंबई स्थित गैर-लाभकारी संस्था ‘अर्पण’ द्वारा दी जाएगी। बता दें कि 140 से अधिक समर्पित पेशेवरों की टीम के साथ, यह भारत का सबसे बड़ा गैर-लाभकारी संगठन है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए सीएसए रोकथाम और हस्तक्षेप सेवाएं प्रदान करता है। अपने अनुकरणीय कार्यों के लिए अर्पण को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।

‘एंबेसडर फॉर चेंज’ प्रशिक्षण सत्र का आयोजन आगामी 27 अप्रैल को सुबह 9 बजे से सेंटर फॉर एक्सीलेंस सभागार में होगा। पूरा प्रशिक्षण सत्र हिंदी और अंग्रेजी में संचालित होगा। प्रशिक्षण सत्र में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।

आपको बता दें कि इस प्रशिक्षण के जरिए प्रत्येक संगठन और संस्थान में प्रशिक्षित व्यक्तियों का एक कैडर तैयार होगा, जो बाल यौन शोषण जैसी समस्या से प्रभावी ढंग से निपट सकेंगे। इतना ही नहीं इस ट्रेनिंग के बाद प्रतिभागी अपने स्तर पर बच्चों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा (पीएसई) कार्यक्रमों और वयस्क जागरूकता सत्र आयोजित करने में भी सक्षम होंगे। खास बात यह है कि यह प्रतिभागियों को बाल यौन शोषण (सीएसए) को रोकने और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने के लिए मौलिक ज्ञान, दृष्टिकोण और कौशल प्रदान करेगा।

इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले शिक्षकों को न केवल मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त होगी, बल्कि वे बच्चों के लिए एक सुरक्षित शिक्षण वातावरण बनाने में भी योगदान दे सकेंगे। प्रशिक्षण सत्र के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी के लिए वाईआई की देबस्मिता गुहा से 9167849394 या रश्मि काउंटिया से 9570004343 पर संपर्क किया जा सकता है।

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