जमशेदपुर.
जमशेदपुर में पिछले दिनों मुखी समाज से जुड़े दो महत्वपूर्ण लोगों को खो दिया जिससे पूरा समाज स्तब्ध है.एक तरफ अरुणा समिति क्लब के संस्थापक सदस्य केशव चंद्र मुखी (80) के निधन से समाज दुखी था वहीं दूसरी तरफ सोमवार 19फरवरी को जिला कांग्रेस ओबीसी सेल के जिलाध्यक्ष सह धतकीडीह मुखी समाज कल्याण समिति के मुखिया सुरेश मुखी के कथित तौर पर तालाब में कूदकर जान देने से लोग मर्माहत हो गए. उनको विश्वास नहीं हो रहा था कि एक एक कर उनके प्रिय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता इस दुनिया से विदा हो चले हैं.
रविवार को कदमा बमेश्वर भवन में आयोजित दिवंगत केशवचंद्र मुखी के श्राद्ध कर्म कार्यक्रम के दौरान लोगों ने उनके साथ -साथ दिवंगत सुरेश मुखी को भी श्रद्धांजलि देकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.इस दौरान लोगों ने दोनों को याद कर उनके अधूरे कामों को पूरा करने का संकल्प लिया.इस दौरान चेतन मुखी, दिलीप महानंद, अन्नी अमृता, अजिताभ गौतम, ए. परेरा समेत अन्य लोग मौजूद थे.
समाज के लिए प्रेरणा थे दिवंगत केशवचंद्र मुखी
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अरुणा समिति क्लब धतकीडीह मेडिकल बस्ती के संस्थापक सदस्य केशवचंद्र मुखी के निधन को मुखी समाज से जुड़े चेतन मुखी, दिलीप महानंद और अन्य ने अपूरणीय क्षति बताया है.लोगों ने बताया कि दिवंगत केशवचंद्र मुखी का समाज के युवाओं को खेल-कूद, शिक्षा, कला और सामाजिक कार्यों के प्रति जागरूक रखने में महती भूमिका रही थी.वे मृदुभाषी और मिलनसार थे.उनकी जगह कोई नहीं भर सकता.1932में उन्होंने अरुणा समिति की स्थापना में महती भूमिका निभाई थी.वे तब पश्चिमी उड़ीसा से जमशेदपुर आए थे.
मुखर नेता थे दिवंगत सुरेश मुखी
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मुखी समाज कल्याण समिति के मुखिया सह जिला कांग्रेस ओबीसी सेल के अध्यक्ष दिवंगत सुरेश मुखी एक मुखर नेता थे.उन्होंने सफाई कर्मचारियों को लेकर आवाज उठाते हुए टाटा स्टील के गेट पर आंदोलन किया था.धतकीडीह बस्ती में शराब माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोलकर बस्ती में खुलेआम शराब की बिक्री बंद करवाई.वे सदैव नशे के खिलाफ आवाज उठाते थे.वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे.
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