Jamshedpur News:जमशेदपुर को चाहिए स्वस्थ राजनीति करने वाले निर्दलीय उम्मीदवार, तब होगा असली विकास, राजनीति का हो चुका है काॅरपोरेटीकरण —सौरव विष्णु
ℵसौरव विष्णु ने की जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय लड़ने की घोषणा, जादूगोड़ा और टाटा पर बनी डॉक्यूमेंट्री का ट्रेलर किया रिलीज।
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जमशेदपुर.
लोकसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है.जहां विभिन्न पार्टियों से जुड़े नेता टिकट की जुगत लगाने में व्यस्त हैं और दौड़ लगा रहे हैं, वहीं मशहूर डाक्यूमेंट्री फिल्म मेकर सौरभ विष्णु ने जमशेदपुर लोकसभा सीट से बतौर स्वतंत्र उम्मीदवार चुनाव लड़ने की घोषणा की है.आज मानगो, हिल व्यू काॅलोनी स्थित अपने आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने ये घोषणा की.इस दौरान जादूगोड़ा में यूआईसीएल के प्रदूषण से त्रस्त ग्रामीणों के जीवन , मुआवजा/नौकरी के लिए गुहार लगाते आंदोलनरत आदिवासियों की जिंदगी को दर्शाती उनकी डाक्यूमेंट्री ‘9मंथ्स इन चाटीकोचा’ और तीसरे मताधिकार सह जमशेदपुर में नागरिक सुविधाओं के असली हालात लेकर बनाई गई डाक्यूमेंट्री ‘टाटा’ के ट्रेलर को रिलीज किया.
जादूगोड़ा वाली डॉक्यूमेंट्री में ये दिखाया गया है कि कैसे सालों से यूसीआइएल कंपनी कचरे के डैम बनाती जा रही है मगर ग्रामीणों को न तो मुआवजा मिलता है और न ही नौकरी. चाटीकोचा गांव से आए भरत टुडू ने बताया कि कचरे का डैम बनाने के नाम पर कई गांवों को तोड़कर ग्रामीणों को विस्थापित किया गया मगर पुनर्वास नहीं किया गया.
वहीं डाक्यूमेंट्री ‘टाटा’ में जमशेदपुर में नागरिक सुविधाएं, नगर निगम और तीसरे मताधिकार के संघर्ष के बीच गैर टिस्को इलाकों में लोगों को पानी बिजली के लिए जूझते हुए दर्शाया गया है.
चुनावी घोषणा और डाक्यूमेंट्री रिलीज को लेकर आयोजित इस प्रेसवार्ता में सौरभ विष्णु ने साफ किया कि वे किसी पार्टी से टिकट के लिए प्रयास नहीं करेंगे, क्योंकि आज राजनीति का काॅरपोरेटीकरण हो चुका है और ऐसे में वे उपरोक्त मुद्दों पर काम नहीं कर पाएंगे जिन पर वे फिल्म बना रहे हैं.उन्होंने कहा कि उनकी फिल्में जमशेदपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों का आइना है, जिसमें लोगों के दर्द दिख रहे हैं.
इन मुद्दों पर काम करेंगे
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1—स्वराज्य—
सौरभ ने कहा कि स्वराज्य यानि अपना राज्य यानि लोकतंत्र…और जमशेदपुर में लोग तीसरे मताधिकार से वंचित हैं.जवाहरलाल शर्मा द्वारा 1985में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के आलोक में राजनीति और काॅरपोरेट गठजोड के तहत इंडस्ट्रीयल टाउनशिप बनाने की तैयारी चल रही है जो लोकतंत्र के खिलाफ है.जमशेदपुर को उसका हक दिलाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा.
86बस्ती के साथ ही टाटा लीज के तहत विभिन्न कॉलोनियों के लोगों के मालिकाना हक की लड़ाई—
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सौरभ ने वादा किया कि वे 86बस्ती के लोगों के मालिकाना हक के साथ ही लीज एरिया में टाटा से सबलीज लेकर रहे रहे विभिन्न काॅलोनी के लोगों के मालिकाना हक की भी लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने बताया कि एक साजिश के तहत ये बताया जाता है कि टाटा लीज से हटने पर 86बस्ती का मामला सी एन टी में फंस गया है.सौरभ ने कहा कि 86बस्ती से लेकर कॉलोनी के लोगों के मालिकाना हक के लिए लड़ना है क्योंकि लोगों से सचाई छुपाई गई है कि दर असल वो जमीनें सरकार से ग्रांट हैं न कि टाटा को लीज पर मिली..
नागरिक सुविधाएं
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सौरभ ने कहा कि पानी, बिजली, शिक्षा समेत अन्य नागरिक सुविधाओं को लेकर उनकी लड़ाई जारी रहेगी.खासकर वे पानी के मुद्दे पर काम करना चाहते हैं.उन्होंने बताया कि आज भी जमशेदपुर के कई इलाकों में लोग लंबी लंबी लाइनों में टैंकरों से पानी भरते नजर आते हैं और ये सूरत बदलनी चाहिए.टाटा स्टील विदेश की यूनिवर्सिटी से करार कर पानी की तरह पैसा फूंकती है और जमशेदपुर में टाटा के स्कूल काॅलेज बंद कर उन्हें एक एक कर आउटसोर्स कर अंग्रेजी माध्यम के प्राइवेट संस्थानों में बदल देती है और यहां की राजनीति खामोश है.इन मुद्दों पर कोई खुलकर चर्चा नहीं होती है, क्योंकि स्वस्थ राजनीति का यहां अभाव है.
एयरपोर्ट
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सौरभ ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही यहां सांसद विद्युत वरण महतो धालमूमगढ एयरपोर्ट की बात उठाने लगते हैं और फिर वह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है.बीच बीच में गम्हरिया में भी एयरपोर्ट के लिए जमीन की चर्चा उठती है, फिर थम जाती है.सौरभ ने कहा कि एयरपोर्ट का मुद्दा वे पूरी गंभीरता से उठाएंगे.
सौरभ ने कहा कि चाहे यूआईसीएल हो या टाटा स्टील कोई भी जनता का भाग्य विधाता नहीं है.सौरभ ने कहा कि वे पैदल मार्च कर जमशेदपुर के लोगों को जागरुक करेंगे.
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