जमशेदपुर।

जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के इग्नू बी.एड. प्रोग्राम की कार्यशाला- 1 के बारहवें दिन इग्नू की समन्वयक डॉ. त्रिपुरा झा ने प्रार्थना सभा के साथ प्रथम सत्र में चारों सत्रों का विषय प्रवेश कराते हुए ‘ वृत्तिक दक्षता में वृद्धि हेतु पाठ्यक्रम ‘ विषय पर संक्षेप में प्रकाश डाला।
प्रथम तथा द्वितीय सत्रों की संसाधन सेवी रहीं श्रीमती नेहा सुरुचि मिंज ने ‘ वृत्तिक दक्षता में वृद्धि हेतु पाठ्यक्रम ‘ विषय पर शिक्षार्थियों संग चर्चा की। सत्र के दौरान शिक्षार्थियों ने वृत्तिक दक्षता संबंधी अपनी गतिविधियों पर प्रस्तुति दी, जिसका श्रीमती मिंज ने मूल्यांकन किया और अपने मूल्यवान सुझाव दिए।
तृतीय और चतुर्थ सत्रों में कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित हुआ। इग्नू की समन्वयक डॉ त्रिपुरा झा ने समापन समारोह के कार्यक्रमों पर संक्षेप में प्रकाश डाला।
समन्वयक महोदया के मार्गदर्शन में समापन समारोह की बागडोर शिक्षार्थियों ने संभाली। कार्यक्रम में जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ सुधीर साहू, छात्र – कल्याण डीन डॉ किश्वर आरा और खेल एवं संस्कृति विभाग अध्यक्ष डॉ सनातन दीप मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इग्नू की समन्वयक डॉ त्रिपुरा झा ने पुष्पगुच्छ और उपहार भेंट कर सभी अतिथियों का स्वागत किया। समारोह में विभिन्न प्रांतों से आए शिक्षार्थियों ने अपनी-अपनी संस्कृतियों को स्पर्श कराते हुए विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कुछ शिक्षार्थियों ने अपने कार्यशाला अनुभव साझा किए। एक शिक्षार्थी आरती कुमारी ने अपने कार्यशाला अनुभव में बताया कि कार्यशाला के यह बारह दिन विभिन्न रोचक और ज्ञान से परिपूर्ण गतिविधियों के साथ एक अभूतपूर्व अनुभव रहा। प्रत्येक संसाधन सेवी ने अपने विषय-वस्तु को बड़ी ही सूक्ष्मता और गहराई को स्पर्श करते हुए हम शिक्षार्थियों के समक्ष सरल और स्पष्ट शब्दों में रखा तथा जहां कहीं भी समझ में कठिनाई आई व हमने जिज्ञासा किया, हमारी कठिनाइयों व जिज्ञासाओं को भी सहजता से संबोधित किया। आरती ने कहा कि कार्यशाला में सबसे अधिक प्रभाव समन्वयक महोदया डॉ त्रिपुरा झा के व्यक्तित्व का पड़ा। महोदया का संपूर्ण व्यक्तित्व ही हर क्षण नई सीख देता है। उनका व्यक्तिव शिक्षक से गुरु की ओर जाने और शिक्षा को व्यवसाय की जगह वृत्ति बनाने की जीवंत सीख देता है।
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की छात्र कल्याण डीन डॉ किश्वर आरा ने शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए उनसे अपने विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि आज वर्तमान समय में मानव मूल्य तेजी से गिरता जा रहा है, अतः शिक्षकों की यह कर्तव्य बनता है कि वे अपने विद्यार्थियों में इसके विकास के लिए सार्थक प्रयास करें।
समारोह के अंत में शिक्षार्थियों को कार्यशाला प्रतिभाग प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। समन्वयक महोदया डॉ त्रिपुरा झा के आशीर्वचन के साथ समारोह का समापन हुआ।
इस प्रकार, इग्नू बी.एड. प्रथम वर्ष की बारह दिवसीय कार्यशाला का आज सफलता पूर्वक समापन हुआ। इग्नू की समन्वयक डॉ त्रिपुरा झा, सभी संसाधन सेवी, श्री प्रभाकर राव तथा श्री उपेन्द्र शर्मा ने इस कार्यशाला को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।