JAMSHEDPUR NEWS :गोपाल मैदान में टुसु मेला का आयोजन, मांदर की थाप पर थिरके सांसद विद्युत वरण महतो, कहा-पर्व-त्योहार हमें जोड़ने का काम करती है

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जमशेदपुर

झारखंड वासी एकता मंच की ओर से बिस्टुपुर की ऐतिहासिक गोपाल मैदान में आज विशाल टुसू मेला का आयोजन हुआ, हुआ जिसमें न सिर्फ राज्य की सांस्कृतिक व पारंपरिक गीत-नृत्य की प्रस्तुति हुई, बल्कि दूर दराज से वे आसपास के राज्यों से आये आकर्षक टुसू, चौड़ल व बूढ़ी गाड़ी नाच के लिए नगद पुरस्कार प्रदान किया गया. साथ ही मेला में आनेवाले सभी प्रतिमा व चौड़ल के लिए सांत्वना पुरस्कार भी दिया गया. पुरस्कार के मद में लाखों रु बांटे गए. कार्यक्रम में बतौर अतिथि राज्य के पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता, सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक सबिता महतो, पूर्व सांसद सुमन महतो, पूर्व पार्षद सारथी महतो, मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो, बिल्डर फणीन्द्र महतो, रमेश हांसदा, पूर्व पार्षद चंद्रावती महतो, बिल्डर विकास सिंह, आर के सिन्हा आदि मौजूद थे.
अपने संबोधन में सांसद विद्युत महतो ने कहा कि आज झारखंड की भाषा व संस्कृति खतरे में है, जिसे बचाने की ज़रूरत है. क्योंकि समाज के लोग पढ़ लिखकर व उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपनी परंपरा से दूर होते जा रहे हैं. वैसे लोग गले मे मादल, धमसा आदि टांगकर बजाने में शर्म महसूस कर रहे हैं. उन्हें यह याद रखने की ज़रूरत है कि यही विरासत हमारे पूर्वजों की देन है. पुरानी सांस्कृतिक विरासत ही अमूल्य धरोहर है, जिसे जीवित रखने की जिम्मेवारी हम सबकी, खासकर युवा पीढ़ी पर है.
इस अवसर पर विद्युत महतो ने 4-5 टुसू गीत गाकर पूरा नज़ारा ही टुसूमय बना दिया. उन्होंने चल सोजोनी जाबो जोमुना, देखे आसबो कालो सोना, दुनिया पागोल मोदेर बोतोले, तोखे कोन साला पागोल बोले, मास पीठा होबेक मोकोरे आदि गाया.
पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि लौहनगरी की यह धरती शहादत की धरती है. झारखंड की यही आपसी संस्कृति व सभ्यता को बचाने के लिए ही टुसू मनाते हैं.
आस्तिक महतो ने टुसू प्रतिमा व चौड़ल का इतिहास लोगों के समक्ष रखते हुए कहा कि इस राज्य की संस्कृति ही लोगों के लिए आकर्षण है. साथ ही उन्होंने लोगों से एक रहने व नशे से दूर रहने की अपील की.
कार्यक्रम को सफल बनाने में पार्षद खगेन महतो, पूर्व पार्षद स्वपन महतो, सुखदेव महतो, बबलू महतो, सचिन महतो, सुनील महतो मीता, करमू हांसदा, चुनका मार्डी, लालटू महतो, सत्यनारायण महतो,

अतिथियों ने किया शहीदों को माल्यार्पण

मेला में मुख्य मंच के समीप झारखण्ड अलग राज्य के लिए लड़ाई लड़नेवाले व मेला आयोजन में महती भूमिका निभानेवाले लोगों के चित्र पर माल्यार्पण कर शुभारंभ किया. उन चित्रों में शहीद रघुनाथ महतो, शहीद बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू, शहीद निर्मल महतो, शहीद सुनील महतो, स्व सुधीर महतो व पूर्व विधायक साधु चरण महतो के नाम शामिल है.

टेम्पो में हेलीकाप्टर रहा आकर्षण का केंद्र

मेला में वैसे तो कई नृत्य व गीत दल आकर्षण का केंद्र रहा, लेकिन एक ऑटो (टेम्पो) को हेलीकाप्टर का रूप विशेष आकर्षण रहा. उक्त ऑटो एक स्थान पर भ्रमण करता रहा, जिसे देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी थी.

ठेला खोमचावालों की भी रही चांदी

मेला में हज़ारों लोगों की भीड़ उमड़ी थी. इस अवसर पर काफी संख्या में ठेला खोमचा वाले भी थे. मेला परिसर के बाहर गोलगप्पा, चना, मिठाई, चाय, बादाम आदि के दुकान लगे थे, जिसका आनंद वहां आनेवाले लोगों ने खूब उठाया.

रंजीत महतो एंड टीम ने बांधा समा

मशहूर झूमर गायक रंजीत महतो (मनोहरपुर) ने अपनी नृत्य टीम के साथ कई गीत गाकर समा बांध दिया. इसकी शुरुआत उन्होंने पोहिले बूढा बाबा…से की. इसके बाद उन्होंने बोछोर पोरे जाबो…, एगो बुलु साड़ी पिन्धी धोनी कमर तहलकाय…सहित कई टुसू व झूमर गाकर लोगों को देर शाम तक झूमने को मजबूर कर दिया.

मेला में टुसु के लिए सात, चौड़ल के लिए चार तथा बूढ़ी गाड़ी नाच के लिए चार विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. टुसू विजेताओं को प्रथम से सप्तम क्रमशः 31 हज़ार, 25 हज़ार, 20 हज़ार, 15 हज़ार, 11 हज़ार, 7 हज़ार व 5 हज़ार रु दिया गया. चौड़ल के लिए क्रमशः 25 हज़ार, 20 हज़ार, 15 हज़ार 11 हज़ार रु शामिल थे. वहीं बूढ़ी गाड़ी नाच के लिए क्रमशः 15 हज़ार, 11 हज़ार, 7 हज़ार व 5 हज़ार रु शामिल है.

विजेताओं के नाम
टुसू प्रतिमा
प्रथम : सुधीर महतो (चाडरी)
द्वितीय : जगन्नाथ महतो (सोसोमोली, राजनगर)
तृतीय : धनंजय महतो (पदनामसाई, राजनगर)
चतुर्थ : सूरज महतो (तुमुंग, राजनगर)
पंचम : प्रशांत (उज्जपुर, गम्हरिया)
छठा : गणेश चंद्र महतो (गेगेरुली)
सातवां : प्रदीप महतो (सिंधुकोपा)

चौड़ल
प्रथम : श्री श्री माँ दुर्गा चौड़ल समिति (बाँधडीह, तमाड़ रांची)
द्वितीय : शिव शंकर महिला समिति (घोड़ाबंधा, सिंदरी पुरुलिया)
तृतीय : आदिवासी किसान चौड़ल समिति (कुजियाम्बा, खूंटी)
चतुर्थ : न्यू स्टूडेंट क्लब (बोड़ाम)

बूढ़ी गाड़ी नाच
प्रथम : फातु बास्के (बलराम बस्ती, सोनारी)
द्वितीय : मतला सोरेन (जोजोगोड़ा, सरायकेला)
तृतीय : मुचीराम मुर्मू (हेलीकाप्टर)
चतुर्थ : चुनाराम बास्के (बाबा तिलका माझी, सोनारी)

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