जमशेदपुर। आदिवासी नेता सूर्या हांसदा के एनकाउंटर और नगड़ी में रिम्स टू निर्माण में जबरन आदिवासी रैयतों की जमीन छीनने की साजिश के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। गुरुवार को भाजपा जमशेदपुर महानगर के हजारों कार्यकर्ताओं ने जिला उपायुक्त कार्यालय समेत जमशेदपुर, पोटका, बोड़ाम एवं पटमदा प्रखंड कार्यालय पर आक्रोश-प्रदर्शन कर सरकार पर जमकर हल्ला बोला। भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा के नेतृत्व में महानगर अंतर्गत 14 मंडलों के हजारों कार्यकर्ताओं ने साकची स्थित जिला उपायुक्त कार्यालय पर आक्रोश प्रदर्शन किया। इस दौरान हटिया के विधायक नवीन जायसवाल मुख्यरूप से शामिल हुए। आक्रोश प्रदर्शन के दौरान जिला उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर सूर्या हांसदा के एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराने एवं नगड़ी में रैयतों को उनके जमीन वापस दिलाने हेतु राज्य सरकार को उचित निर्देश देने की मांग की गई।
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आक्रोश प्रदर्शन को संबोधित करते हुए हटिया के विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि झारखंड की गठबंधन सरकार एक तरफ आदिवासियों को धोखा देने का काम कर रही है और दूसरी तरफ युवा नेताओं की आवाज को दबाने के लिए खून-खराबे से भी परहेज़ नहीं कर रही है। जिस समय गुरुजी शिबू सोरेन का श्राद्धकर्म चल रहा था, उसी वक्त आदिवासी समाज के उभरते हुए संघर्षशील नेता सूर्या हांसदा को पुलिस ने उनके घर से उठाकर बर्बरतापूर्वक टॉर्चर किया, इलेक्ट्रिक शॉक दिया और थाने में ही उनकी हत्या कर दी। इसके बाद फर्जी एनकाउंटर दिखाकर उन्हें अपराधी साबित करने का षड्यंत्र रचा गया है।
नवीन जायसवाल ने कहा कि अगर सूर्या हांसदा अपराधी होते, तो क्या चार-चार बार विधानसभा का चुनाव लड़ पाते। वास्तविकता यह है कि वे धर्मांतरण, बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठ, भू-माफिया, कोयला माफिया और बालू माफिया के खिलाफ एक बुलंद आवाज बन गए थे। यही कारण है कि माफियाओं के इशारे पर सरकार ने उन्हें मौत की नींद सुला दिया। यह हत्या सूर्या हांसदा एवं संथाल की आवाज को दबाने की कायराना कोशिश है।
नवीन जायसवाल ने कहा कि आज झारखंड का हर आदिवासी संगठन न्याय की मांग कर रहा है। भाजपा भी पूरे प्रदेश में प्रखंड और जिला मुख्यालय स्तर पर आंदोलन कर रही है और महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर सीबीआई जांच की मांग कर रही है। अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अंदर वास्तव में निष्पक्षता बची है तो इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की अनुशंसा करें। तभी सूर्या हांसदा को न्याय मिल पाएगा।
नवीन जायसवाल ने कहा कि झामुमो-कांग्रेस और राजद गठबंधन सरकार आदिवासियों की जमीन लूटने पर आमादा है। नगड़ी की 250 एकड़ रैयती जमीन को लाठी-डंडे और बंदूक के बल पर छीना जा रहा है। 1956 में जब कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही थी, तब भी रैयतों के विरोध के बाद तत्कालीन बिहार सरकार ने जमीन वापस लौटा दी थी। लेकिन आदिवासी-मूलवासी का नारा लगाने वाली यह सरकार वही जमीन हड़पना चाहती है। एक RIMS तक को संभाल नहीं पा रही है और अब रिम्स 2 के नाम ठेकेदारी का खेल खेला जा रहा है।
कहा कि स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी खुद विधानसभा में कहते हैं कि रिम्स में जाने का मन नहीं करता। मंत्री और विधायक चार्टर्ड प्लेन व एयर एंबुलेंस से दिल्ली चले जाते हैं, जबकि झारखंड के आम लोग क्या कीड़े-मकोड़े हैं कि उन्हें समुचित इलाज का अधिकार नहीं है। पहले रिम्स 1 को दुरुस्त करो, फिर दूसरा बनाने का ढोंग करो। रांची में हजारों एकड़ गैर-मजरुआ जमीन पड़ी है, उस पर अस्पताल बनाओ, लेकिन आदिवासियों को उजाड़ने की साजिश मत रचो।
नवीन जायसवाल ने झारखंड की गठबंधन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार अपराध, भ्रष्टाचार और माफियाओं की गुलाम बन चुकी है। रांची आज देश के सबसे ज्यादा क्राइम वाले शहरों में शामिल हो चुका है। पूरे राज्य में बिना रिश्वत दिए थाना, ब्लॉक और अंचल में कोई काम नहीं होता। दस लाख नौकरी देने का वादा कर युवाओं को ठग लिया गया। 1932 के खतियान पर स्थानीय नीति का झूठा सपना दिखाकर आदिवासी-मूलवासी समाज को बरगलाया गया। हर मोर्चे पर झामुमो–कांग्रेस–राजद की यह सरकार फेल है। आदिवासी नेता सूर्या हांसदा की हत्या और आदिवासियों की जमीन छीनने की साजिश इस सरकार की असली मानसिकता को उजागर करती है। भाजपा इसके खिलाफ सड़क से सदन तक निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।
वहीं, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि आदिवासी समाज के हक और अधिकार की लड़ाई जिस मजबूती और सामर्थ्य से सूर्या हांसदा लड़ रहे थे, वैसी लड़ाई शायद शिबू सोरेन भी नहीं लड़ पाए। उसी निर्दोष सूर्या हांसदा की हत्या झामुमो के शासनकाल में हुई है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर उनके ही गृह क्षेत्र गोड्डा में यह साजिशन हत्या की गई। सरकार इसे एनकाउंटर का रूप देने की कोशिश कर रही है, लेकिन भाजपा के जांच दल ने मौके पर जाकर साफ पाया कि यह एनकाउंटर नहीं, बल्कि पुलिस द्वारा की गई निर्मम हत्या है। यह आदिवासी समाज की आवाज को दबाने की कायराना साजिश है। इसी तरह नगड़ी में रिम्स-2 के नाम पर आदिवासियों की जमीन को जबरन छीना जा रहा है। सरकार आदिवासियों को उजाड़कर अस्पताल बनाने का नाटक कर रही है, उसे पहले रिम्स-1 की दुर्दशा सुधारनी चाहिए। झामुमो- कांग्रेस- राजद की यह सरकार आदिवासी विरोधी, भ्रष्ट और माफिया परस्त है, और भाजपा सड़क से सदन तक इसके खिलाफ निर्णायक संघर्ष करेगी।
आक्रोश-प्रदर्शन को पूर्व जिलाध्यक्ष बिनोद सिंह, मनोज सिंह व अन्य ने भी संबोधित क़िया। इस दौरान मंच संचालन पूर्व जिला उपाध्यक्ष पवन अग्रवाल एवं धन्यवाद ज्ञापन एसटी मोर्चा अध्यक्ष रमेश बास्के ने किया।
इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष बिनोद सिंह, नीरज सिंह, मनोज सिंह, कुलवंत सिंह बंटी, डॉ राजीव, कल्याणी शरण, संजीव सिन्हा, राजीव सिंह, रेणु शर्मा, संजीव सिंह, मिली दास, अखिल सिंह, बिनोद सिंह, सागर राय, पोरेश मुखी, अमित सिंह, उज्ज्वल सिंह, संजीत चौरसिया, बजरंगी पांडेय, बिनोद राय, प्रशांत पोद्दार, अजीत सिंह, संजय तिवारी, रविन्द्र सिसोदिया, फातिमा शाहीन, जीवन लाल, बबलू गोप, सूरज सिंह, युवराज सिंह, पवन अग्रवाल, अप्पा राव, दीपू सिंह, रंजीत सिंह, कुमार अभिषेक, सुशील पांडेय, काजू शांडिल, गणेश मुंडा, राकेश दुबे, मारुति नंदन पांडेय, अजय सिंह, चिंटू सिंह, ममता भूमिज, दीपक तिवारी समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

