जमशेदपुर.

पूर्वी सिंहभूम ज़िले में LGBTQIA+ समुदाय के सदस्यों, नारीवादी संगठनों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर डीसी ऑफिस, जमशेदपुर के सामने एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित किया. यह विरोध भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे के उस घृणास्पद और असंवैधानिक बयान के खिलाफ था, जिसमें उन्होंने धारा 377, समलैंगिकता, और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को लेकर आपत्तिजनक और नफरत भरे विचार व्यक्त किए थे.प्रदर्शन में विभिन्न समुदायों के लगभग 50 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान LGBTQIA+ ध्वज, भारतीय संविधान की प्रतियां और विरोध संदेश लिए हुए पोस्टर के साथ प्रतिभागियों ने गरिमा और दृढ़ता के साथ विरोध दर्ज किया.
ज्ञापन सौंपा गया
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50+ हस्ताक्षरकर्ताओं के साथ
प्रदर्शन के अंत में, शौविक साहा और प्रतिभागियों ने पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त (DC) को एक गंभीर ज्ञापन (Gyapan) सौंपा, जिसमें सांसद के बयान की निंदा की गई और समुदाय की सुरक्षा, सम्मान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु आवश्यक कदम उठाने की मांग की गई.इस ज्ञापन पर 50 से अधिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों, शिक्षकों और आम नागरिकों के हस्ताक्षर थे, जो इस आंदोलन के प्रति गहरी प्रतिबद्धता और एकजुटता को दर्शाते हैं.
ज्ञापन में यह मांग की गई कि सांसद डॉ. दुबे को उनके संवैधानिक शपथ की याद दिलाई जाए और उन्हें LGBTQIA+ समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने से रोका जाए. साथ ही, राज्य और जिला प्रशासन से अपील की गई कि वे LGBTQIA+ लोगों के प्रति भेदभाव रोकने के लिए स्पष्ट नीति और संरक्षण सुनिश्चित करें.
इस मौके पर ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता पूर्णिमा किन्नर ने कहा,
“हमारा जीवन किसी की राजनीति का मोहरा नहीं है. हम इंसान हैं, नागरिक हैं, और हमारे अधिकारों को कोई खत्म नहीं कर सकता. आज हमने प्रशासन को अपना दर्द भी सौंपा और अपनी शक्ति भी दिखाई.”
ऋषिका एक युवा ट्रांसजेंडर प्रतिभागी ने कहा,
“हमने सिर्फ विरोध नहीं किया, हमने अपनी जगह पर दावा किया. संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं, हम उन अधिकारों के साथ खड़े हैं, नफरत के खिलाफ!”
प्रमुख मांगें:
1. सांसद द्वारा दिए गए LGBTQIA+ विरोधी बयान की लोकतांत्रिक और संवैधानिक दायरे में निंदा.
2. LGBTQIA+ समुदाय के जीवन, सम्मान और सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील व ठोस कदम.
3. आने वाले समय में प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस और शिक्षकों के लिए जेंडर और संवैधानिक अधिकारों पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम.
हमारी एकजुटता, हमारा संकल्प:
यह प्रदर्शन केवल एक विरोध नहीं था — यह हमारे अस्तित्व, आत्म-सम्मान और संवैधानिक अधिकारों का संगठित और शांतिपूर्ण प्रकटीकरण था.हमने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि LGBTQIA+ समुदाय अब चुप नहीं रहेगा और हर मंच पर सम्मान और समानता की माँग करेगा.