
घाटशिला.
पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला प्रखंड की कालीचिती पंचायत के रामचंद्रपुर सबर बस्ती के लगभग सभी पुरुष रोजगार के लिए बाहर पलायन कर चुके हैं. इस बस्ती में महिलाओं के अलावे वृद्ध बचे हैं. किसी की मौत होने पर महिलाएं ही अंतिम संस्कार कर रही हैं.
24 परिवार रहते हैं
इस बस्ती में 24 सबर परिवार के 80 लोग रहते हैं. इन परिवारों के पुरुष सदस्य नौकरी को लेकर पलायन कर गए हैं. सिर्फ महिला और वृद्ध ही इस गांव में बचे हैं. किसी की मौत पर कंधा देने के लिए महिलाओं को आगे आना पड़ता है.

29 जनवरी को हुई थी मौत
दरअसल घाटशिला प्रखंड की कालीचिती पंचायत के रामचंद्रपुर सबर बस्ती के रहने वाले जुआ सबर (45 वर्ष)का निधन 29 जनवरी की रात को हो गया.उसके शव को ले जाने के लिए एक भी पुरुष बस्ती में मौजूद नहीं थे, जिसके कारण बस्ती की महिलाओं ने अर्थी तैयार कर अंतिम यात्रा निकाली.यही नहीं कब्र खोद कर शव को दफन किया.
मृतक के एक पुत्र और एक पुत्री है
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बताया जाता हैं कि मृतक जुआ सबर के एक पुत्र और पुत्री है. पुत्र तमिलनाडु में नौकरी करता है. काफी दूर रहने के कारण पुत्र तुरंत आने में असमर्थ था. इसके बदले पुत्री ने ही अपने पिता को कंधा दिया. बताया जाता है कि जुआ ने दो शादी की है. पहली पत्नी का निधन हो चुका है.दूसरी पत्नी गुलाबी सबर है. उसका पुत्र श्यामल सबर तमिलनाडु में काम करता है.घर में माता- पिता की देखभाल 14 वर्षीय पुत्री सोनिया सबर करती है. पिता के निधन पर सोनिया ने ही बस्ती की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर पिता की अर्थी को कंधा दिया. वहीं पति की मौत के बाद पत्नी गुलापी सबर का रो-रोकर बुरा हाल है.
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