JAMSHEDPUR NEWS :जीवात्मा परमात्मा के मिलन से हुआ महारास लीला- आशुतोष तिवारी  

कृष्ण-रुकमणि विवाह की कथा सुन श्रद्धालुओं ने गाए मंगल गीत

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टुइलाडुंगरी गाढ़ाबासा कम्युनिटी सेन्टर में भागवत कथा का छठवा दिन- मंगलवार  

जमशेदपुर। गोलमुरी के टुइलाडुंगरी स्थित गाढ़ाबासा कम्युनिटी सेन्टर में चल रहे भागवत कथा के छठवें दिन मंगलवार को व्यास पीठ से कथावाचक आचार्य आशुतोष तिवारी शांडिल्य जी महराज (अयोध्या धाम से आये) ने श्री कृष्ण-रूकमणी विवाह, रास पंचांग अध्याय, गोपी उद्धव संवाद कथा का सुंदर वर्णन किया। कथाव्यास की वाणी से कृष्ण-रूकमणी विवाह का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए। कथा वाचक ने कहा कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। उन्होंने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया। महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ। कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है, इसलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है, वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प व कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। रास पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से काफी संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित थे।

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