JAMSHEDPUR NEWS :बिस्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में धूमधाम से मना कालका माता का जन्मोत्सव

मइया थारे हाथ रचावण घनी राचणी मेहँदी लाया... जैसे भजनों पर झूमने लगे श्रद्धालु

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जमशेदपुर। सोमवार की शाम को बिष्टुपुर स्थित सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में श्री महाकाली शक्तिपीठ अमरसर धाम वाली कुलदेवी श्री कालका माता रानी का जन्मोत्सव (प्रकट दिवस) धूमधाम से मनाया गया। श्री कालका माता परिवार टाटानगर द्धारा आयोजित हुए इस धार्मिक महोत्सव में श्री गणेश वंदना के साथ मंगल पाठ एवं भजनों का कार्यक्रम शुरू हुआ जो देर रात तक चलते रहा। इससे पहले संध्या 4.30 बजे से कालका माता की पूजा अर्चना शुरू हुई। निशा-कमल सिंघल ने पूजा की और मुन्ना पंडित (साकची) ने पूजा करायी तथा सबको रक्षा सूत्र बांधा। आमंत्रित भजन गायिका शीतल काटरूका (पुरूलिया) ने भजनों और मंगल पाठ से माता रानी को रिझाया। माता के चरणों में मंगलपाठ का वाचन के साथ ही भजनों की प्रस्तुति के दौरान माता परिवार के बच्चों द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में भजनों पर नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गयी, जिसने सबका मन मोहा। महोत्सव में सभी महिलाएं चुंदड़ी ओढ़े व राजस्थानी परिधान में थीं।
भजनों की अमृत वर्षाः- इस धार्मिक मौके पर भजन गायिका शीतल काटरूका द्वारा मेरो हाथ पकड़ ले मइया मेरो मन घबरावे…, जा के सर पे हाथ अपनी कुल देवी का होवे…, चलो रे चलो दरबार कालका मैया के…, मेरी कालका भवानी आई रे मेरी कालका…, काली मैया मेरे घर में इक बारी तू आजा…, अवतार मां काली का दुनिया में निराला है…, मईया थारी चुदड़ी में कुछ तो बात हैं…, मइया थारे हाथ रचावण घनी राचणी मेहँदी लाया…, कर लो मंगल पाठ ये तो जीने का सहारा हैं…, जो जय माता की गाता है जीवन में बड़ा सुख पाता है…, कितनी सुदर कितनी भोली बड़ी प्यारी लगे…, मेरी मईया जी के हाँथ में मेहंदी रंग लाई…, माता रानी का दरबार सजा प्यारा प्यारा…, एक हार बना माली माता रानी को पहनाना है… आदि माता के चरणों में भजनों की अमृत वर्षा कर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
ये रहा मुख्य आकर्षण का केन्द्रः- परिवार की महिलाओं द्धारा फूलों से सजाया गया कालका माता का भव्य दरबार, माता का जन्म, केक कटिंग, अखंड ज्योत, नृत्य नाटिका, छप्पन भोग का प्रसाद समेत 51 जोड़ो द्धारा मॉ की महाआरती तथा विशाल भंडारा विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने माता का प्रसाद ग्रहण किया। इस धार्मिक महोत्सव को सफल बनाने में कालका माता परिवार टाटानगर के सभी सदस्यों का योगदान रहा।

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