Jamshedpur News:झारखंड क्षत्रिय महिला संघ ने सावन महोत्सव “मल्हार” का किया आयोजन, माधुरी बनी सावन क्वीन
जमशेदपुर.
झारखंड क्षत्रिय महिला संघ की ओर से शुक्रवार को माइकल जॉन ऑडिटोरियम में सावन महोत्सव “मल्हार” का आयोजन किया गया. मल्हार की शुरुआत सर्वप्रथम झारखंड क्षत्रिय संघ के अध्यक्ष शंभूनाथ सिंह, महिला संघ की अध्यक्ष डॉ कविता परमार, महासचिव मंजू सिंह, झारखंड क्षत्रिय महिला संघ की संरक्षिका कंचन सिंह, आशा सिंह, मंजू रानी सिंह, सीता सिंह, प्रतिमा सिंह, पूनम सिंह, सत्या सिंह व चिंतामणि सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. उसके बाद सावन क्वीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें जज की भूमिका में इनर व्हील की प्रेसिडेंट सारिका सिंह, व्यवसाई कोमल सिंह, राउंड टेबल से निधि सिंह, और मनीषा सिंह रही. विभिन्न इकाइयों से चुनकर आई हुई 9 प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जिसमें अनुष्का सिंह, सारिका सिंह, अंजू सिंह, रेखा सिंह, माधुरी राठौर, अर्चना सिंह, श्वेता सिंह, मोना सिंह और संजीत सिंह ने भाग लिया. तीन चरणों में प्रतियोगिता कराई गई जिसमें पहला चरण खुद का परिचय क्षत्राणि के अंदाज में देना था. दूसरा राउंड टैलेंट राउंड का था जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी अपनी प्रतिभा को वहां दिखाया. तीसरा राउंड ब्यूटी विद ब्रेन राउंड था जिसमें ज्वलंत मुद्दों पर तुरंत ही एक शीर्षक देकर उस पर अपने विचारों को रखना था.
तीनों चरणों की प्रतियोगिता के बाद चारों जजों के संयुक्त मार्किंग के आधार पर आदित्यपुर इकाई की संगीता तृतीय स्थान पर, सीतारामडेरा इकाई से रेखा द्वितीय स्थान पर और माधुरी प्रथम स्थान पर रहीं. कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी इकाइयों के अध्यक्ष और उनकी कमेटी के साथ-साथ केंद्रीय कमेटी का बहुत ही सराहनीय योगदान रहा.
बता दें कि जमशेदपुर शहर में सावन मिलन का कार्यक्रम क्षत्रिय महिला संघ ने 2012 में शुरु किया था. सावन मिलन कार्यक्रम की नींव क्षत्रिय महिला संघ ने ही रखी थी. इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू महिलाओं को एक्सपोजर देने के साथ साथ रुटीन कार्यों से कुछ समय के लिए उनको दूर कर उनके मन मस्तिष्क को थोड़ा राहत देना था.
कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ कविता परमार ने और धन्यवाद ज्ञापन मंजू सिंह ने किया.
कार्यक्रम में बतौर अतिथि मंजू डाॅ त्रिपुरा झा, डाॅ अनीता शर्मा, मंजू सिंह, सीता सिंह, चंदन जायसवाल, अन्नी अमृता, रीमा डे, आमना व अन्य महिलाएं उपस्थित थीं.
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