जमशेदपुर।
तथा 200 यूनिट फ्री बिजली देने की योजना का लाभ टाटा स्टील यूआईएसएल जैसी निजी विद्युत आपूर्तिकर्ताओं के उपभोक्ताओं को भी देने पर झारखंड सरकार राजी हो गयी है। इसी तरह राज्य कर्मचारी बीमा योजना के वर्तमान प्रावधानों में सुधार करने तथा इस योजना को ऐच्छिक बनाने पर भी सरकार सहमत हो गयी है। यह जानकारी विधानसभा में आयोजित बैठक में प्रत्यायुक्त विधान समिति के सभापति श्री सरयू राय को नगर विकास विभाग, ऊर्जा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दी। सरकार की इन तीनों निर्णयों से पेयजल एवं विद्युत उपभोक्ताअें तथा राज्य कर्मचारी बीमा योजना से कर्मचारियों एवं अधिकारियों को लाभ मिलेगा।

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उल्लेखनीय है कि जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने विधानसभा के बजट सत्र में जमशेदपुर के बस्तियों को पेयजल का कनेक्शन देने के एवज में काफी अधिक शुल्क वसुलने तथा सरकार के 200 यूनिट फ्री योजना का लाभ भी जमशेदपुर टाटा स्टील यूआईएसएल के उपभोक्ताओं को नहीं मिलने पर आवाज उठाया था। झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विधायक सरयू राय के प्रश्न पर सरकार ने एक विधानसभा समिति बनाया था जिसने इसपर अध्ययन किया है। पेयजल कनेक्शन देने पर 7000 से अधिक शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इस आशय का अधिसूचना शीघ्र जारी कर दी जाएगी।
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झारखंड सरकार ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक फ्री बिजली दे रही है। जमशेदपुर में टाटा स्टील लिमिटेड और टाटा स्टील यूआईएसएल द्वारा बस्तियों में बिजली दी जा रही है। परंतु यहाँ के उपभोक्ताओं को 200 यूनिट फ्री बिजली देने की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने इसका मंथन करने के लिए एक समिति बनाया है। जिसमें 200 यूनिट फ्री बिजली का लाभ झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के अलावा अन्य निजी क्षेत्र के विद्युत प्रदाताओं के उपभोक्तओं को भी मिलेगा। सरकार के इस निर्णय से जमशेदपुर में टाटा स्टील यूआईएसएल के उपभोक्ता, बोकारो के सेल के उपभोक्ता और धनबाद के बीसीसीएल के उपभोक्ता इसका लाभ उठा सकेंगे। इस बारे में समिति की अनुशंसा निर्णय के लिए राज्य मंत्रिपरिषद में दी जाएगी।
हाल ही में लागु राज्य बीमा योजना के कई प्रावधान ऐसे हैं जिनके मद्देनजर कार्यरत एवं अवकाश प्राप्त सरकारी कर्मचारियोें के बीच यह धारणा बन गयी है कि इससे बेहतर तो पहले की योजना थी। झारखंड सरकार में इन प्रावधानों पर विचार करने के लिए वरीय आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित किया है। बीमा योजना के अंतर्गत वर्ग ‘क’ में आने वाले सरकारी कर्मियों के लिए भी नई योजना में शामिल होना अनिवार्य कर दिया है। राज्य सरकार इसे ऐच्छिक बनाने का आश्वासन दिया है तथा इसके लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने का निर्णय लिया है।