अन्नी अमृता
जमशेदपुर.
कहते हैं जहां कोई तर्क नहीं, वहीं श्रद्धा है.ईश्वर की भक्ति भी कुछ ऐसी ही होती है, जहां समर्पण होता है, तर्क नहीं और ईश्वर तो सबके हैं, फिर कोई नर हो, नारी हो या ट्रांसजेंडर..हर किसी को ईश्वर की आराधना का हक है.जमशेदपुर के धतकीडीह मेडिकल बस्ती में स्थित अपने घर पर हर साल किन्नर ‘साहिबा’ मंगला पूजा का आयोजन करती हैं, जिसमें वे स्वयं अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पूरे विधि-विधान से मां मंगला की पूजा पाठ करती हैं.इस बार भी काफी धूमधाम से उन्होंने मंगला मां की पूजा अर्चना की.
बीते मंगलवार की शाम को किन्नर ‘साहिबा’ अपने सहयोगियों के साथ मिलकर शास्त्रीनगर होते हुए पैदल खरकई नदी के किनारे गईं, जहां कलश में जल लेकर पैदल ही घर वापस आईं. घर आने पर धूमधाम से उनका स्वागत हुआ.इस दौरान रास्ते में भी गाजे बाजे के साथ वे सहयोगियों संग चल रही थीं.नदी से वापस आने के बाद किन्नर साहिबा और उनके सहयोगियों से आशीर्वाद लेने के लिए बस्तीवासी उमड़ पड़े.किन्नर ‘साहिबा’ ने अपने सहयोगियों संग पारंपरिक तरीके से नृत्य करते हुए मां मंगला की मूर्ति की परिक्रमा की.
इस दौरान पीपल फाॅर चेंज के संस्थापक सह अध्यक्ष शौविक,वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता, किन्नर साहिबा के परिजन और काफी संख्या में बस्तीवासी मौजूद थे.चक्रधरपुर से आई साहिबा की मौसी सुनीता इस आयोजन से अभिभूत थीं.उन्होंने बताया कि वैसे तो वे जमशेदपुर अपनी बहन के घर आती रहती हैं, पर पहली बार मंगला पूजा के दौरान अपनी बहन यानि साहिबा की मां के घर पहुंची हैं और उन्होंने सोचा न था कि इतने बेहतरीन तरीके से यहां आयोजन होता है.वहीं साहिबा की मां ने बताया कि उनके पूरे परिवार की मां मंगला के प्रति अपार श्रद्धा है और सबके सहयोग से यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो जाया करता है.
विद्वान बताते हैं कि मां पार्वती के 108रुपों में से ही एक रुप ‘मां मंगला’ है.जमशेदपुर में मुखी समाज और किन्नर समुदाय के लोग खास तौर पर काफी श्रद्धा के साथ मंगला पूजा का आयोजन करते हैं.फल, फूल, गुड़ वगैरह मां पर अर्पित कर पूजा संपन्न होती है.
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