जमशेदपुर। छठ महापर्व के पावन अवसर पर जुगसलाई में आस्था और सेवा की मिसाल देखने को मिल रही है। जुगसलाई एम.ई. स्कूल रोड, कुम्हारपाड़ा स्थित केदार आटा चक्की, जो कि इस इलाके की एक पुरानी और विश्वसनीय चक्की है, वहां पिछले कई वर्षों से छठ व्रतधारियों के लिए निशुल्क गेहूं पिसाई की परंपरा निभाई जा रही है।
छठ पूजा के मौके पर जहां पूरे शहर में तैयारियां जोरों पर हैं, वहीं केदार गोयल और उनके परिवार ने इस बार भी अपने सामाजिक दायित्व को निभाते हुए श्रद्धालुओं की सेवा का संकल्प दोहराया है। इस विशेष पहल के तहत व्रतधारियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। वे अपने घरों से गेहूं लेकर आते हैं और चक्की में मुफ्त में आटा पिसवाते हैं, जिसे बाद में पूजा और प्रसाद की तैयारी में उपयोग किया जाता है।
केदार आटा चक्की के संचालक केदार गोयल ने बताया कि यह सेवा कार्य कई सालों से जारी है। उन्होंने कहा, “छठ मैया की कृपा और आशीर्वाद से हमें यह प्रेरणा मिली। हर साल छठ से पहले चक्की की पूरी साफ-सफाई की जाती है ताकि व्रतधारियों को शुद्ध और पवित्र आटा मिल सके। इससे हमें आत्मिक संतोष मिलता है और ऐसा लगता है कि छठ मैया स्वयं इस सेवा से प्रसन्न होती हैं।”
उनके पुत्र गौरव गोयल, सौरव गोयल और सतीश गोयल भी इस सेवा में बराबर की भूमिका निभाते हैं। गौरव गोयल बताते हैं कि, “यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि हमारी आस्था से जुड़ा हुआ भाव है। छठ व्रतधारी बहुत सख्त नियमों का पालन करते हैं, इसलिए हमारा प्रयास है कि उन्हें किसी भी तरह की असुविधा न हो।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि केदार आटा चक्की की यह सेवा छठ पूजा की भावना को और पवित्र बनाती है। हर साल बड़ी संख्या में महिलाएं और श्रद्धालु यहां आकर मुफ्त में आटा पिसवाते हैं और परिवार को धन्यवाद देते हैं।
छठ पूजा सिर्फ सूर्य की उपासना नहीं, बल्कि सेवा, त्याग और शुद्धता का प्रतीक है। केदार गोयल परिवार की यह पहल इस महापर्व की वास्तविक भावना को जीवंत करती है — जब हर व्यक्ति अपने-अपने तरीके से समाज और आस्था के प्रति समर्पण दिखाता है।
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केदार आटा चक्की परिवार का यह प्रयास न केवल धार्मिक दृष्टि से सराहनीय है, बल्कि समाज में निस्वार्थ सेवा की मिसाल भी पेश करता है।


