JAMSHEDPUR NEWS :बच्चों और युवाओं में तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता जरूरी

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 31 मई पर स्वास्थ्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

37

जमशेदपुर। तंबाकू सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करने को लेकर ब्रह्मानंद नारायणा हॉस्पिटल, (बीएनएच) जमशेदपुर के सीनियर कैंसर विशेषज्ञ डॉ अमित कुमार और सीनियर कैंसर सर्जन डॉ आशीष कुमार का कहना हैं कि ज्यादातर मरीज शुरुआती दौर में लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। परिणाम स्वरूप दूसरी या तीसरी स्टेज में मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। तब सर्जरी ही एक अंतिम विकल्प बच पाता है और मुख (मुंह) के कैंसर को ठीक किया जाता है। मालूम हो कि प्रत्येक वर्ष 31 मई कों विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में गुरूवार को ब्रह्मानंद नारायणा हॉस्पिटल द्धारा जारी प्रेस विज्ञाप्ति में डॉ अमित और डॉ आशीष ने आगे कहा कि बच्चों और युवाओं को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने की जरूरत हैं। स्कूलों और कॉलेजों में तंबाकू विरोधी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि बच्चे तंबाकू के खतरों को समझ सकें। माता-पिता और समाज के लोग बच्चों को तंबाकू से दूर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। परिवार में तंबाकू सेवन को हतोत्साहित किया जाना चाहिए और बच्चों को अच्छे आदतें सिखाई जानी चाहिए। शिक्षा, जागरूकता और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से हम बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं। तंबाकू सेवन से बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ते हैं। इससे फेफड़े, हृदय और अन्य अंगों को नुकसान होता है। तंबाकू का सेवन करने वाले बच्चों में कैंसर, हृदय रोग, और श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, तंबाकू सेवन से उनकी शैक्षिक और सामाजिक प्रगति भी प्रभावित होती है। जानकारी हो कि भारत में तंबाकू उत्पादों का सेवन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो बच्चों और युवाओं को विशेष रूप से प्रभावित कर रही है। भारत में हर साल ओरल कैविटी कैंसर के 1,00,000 से अधिक मामले दर्ज होते हैं। भारत में दुनिया में ओरल कैंसर का प्रसार सबसे अधिक (19/100,000 जनसंख्या) है। यह पुरुषों में सबसे आम कैंसर है और महिलाओं में तीसरा सबसे आम कैंसर है, और यह सभी कैंसरों का 13 प्रतिशत से 16 प्रतिशत है। हर साल भारत में 52,000 मौतें दर्ज की जाती हैं, जो वैश्विक घटनाओं का लगभग एक-चौथाई है। मुख के कैंसर के बढ़ते मामले सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण चिंता का विषय हैं क्योंकि यह भारत में आम प्रकार के कैंसर में से एक है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More