अन्नी अमृता
जमशेदपुर../ नई दिल्ली
इन्फोर्मेशन टेक्नॉलोजी के इस युग में सूचनाओं की बाढ़ है औऱ उस बाढ़ में सही और गलत सूचना या खबरों को समझना आम आदमी के लिए मुश्किल होता जा रहा है. आए दिन हम देखते हैं कि लोग साईबर फ्रॉड का शिकार होते हैं. कभी गलत सूचनाओं को सही समझकर वाट्सअप फॉरवर्ड कर देते हैं जिनके दुष्परिणाम भी झेलने पड़ते हैं.जिस प्रकार पर्यावरणीय संतुलन के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आते हैं, उसी प्रकार इन्फोर्मेशन के बाढ़ के युग में इन्फोर्मेशन के इकोसिस्टम को बेहतर करने के प्रयास भी जरूरी हैं ताकि लोगों के लिए टेक्नॉलोजी वरदान बने अभिशाप नहीं. लौहनगरी जमशेदपुर के लिए फक्र की बात है कि ‘फैक्टशाला इनोवेशन लैब’ के ऐसे ही एक देशव्यापी अभियान का हिस्सा बनी हैं ‘द वायरल कंपनी’ की संस्थापक और वरिष्ठ पत्रकार अंतरा बोस.’द वायरल कंपनी’ को ‘डेटालीड्स’ से
छह महीने की फेलोशिप मिली है, जिसके तहत मई से लेकर नवंबर तक कंपनी हल्के फुल्के रोचक अंदाज़ में मीडिया लिटरेसी वीडियोज़ बनाएगी ताकि लोग झूठी खबरों/सूचनाओं के प्रति जागरूक हो सकें.वीडियो के माध्यम से लोग इस दिशा में जागरूक होंगे कि वे कैसे इतनी सारी सूचनाओं के जंजाल में से भ्रामक सूचनाओं से खुद को बचाकर उनमें से सही सूचनाओं को छानकर अपनी उपयोगिता के हिसाब से उसको इस्तेमाल में लाएं.अंतरा बोस के अलावा औऱ 9 लोगों का इस अभियान के लिए चयन हुआ है. इस तरह पूरे देश से कुल 10 लोग इस अभियान का हिस्सा बने हैं.
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2020 से फैक्टशाला मीडिया लिटरेसी की ट्रेनर हैं अंतरा
‘द वायरल कंपनी’ की संस्थापक अंतरा बोस 2020 से फैक्टशाला मीडिया लिटरेसी की ट्रेनर हैं. विभिन्न मीडिया लिटरेसी वर्कशॉप के जरिए वे लोगों को फेक न्यूज़/सूचनाओं के प्रति आगाह करती हैं. फैक्टशाला के जिस जागरूकता अभियान का वे हिस्सा बनी हैं वह ‘गूगल न्यूज़ इनिशिएटिव’ के सहयोग से संचालित होगा.
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क्या है द वायरल कंपनी
‘द वायरल कंपनी’ यू ट्यूब पर स्टोरी टेलिंग का एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है, जहां जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की खूबसूरत और सकारात्मक कहानियां दर्शायी जाती हैं. यहां समाधान पर फोकस होता है. फेक न्यूज़ के भरमार के इस युग में ‘द वायरल कंपनी’ एक ऐसे अभियान का हिस्सा बन रही है जो फेक न्यूज़/सूचनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करेगा.ऐसे अभियानों से लोग मोबाइल, कंप्यूटर, टैब वगरैह के माध्यम से आ रहे टेक्नॉलोजी के खतरे से खुद को बचा सकेंगे.
फैक्टशाला के मीडिया लिटरेसी कार्यक्रम से संबंधित कार्यशाला में भाग लेने दिल्ली पहुंची अंतरा बोस ने बिहार झारखंड न्यूज़ नेटवर्क से फोन पर हुई बातचीत में कहा, ‘’कोई भी परफेक्ट नहीं होता, लेकिन बेहतर बनने की कोशिश जरूर होनी चाहिए… सूचनाओं के महासागर में सही गलत की पूरी तरह पड़ताल मुमकिन नहीं लेकिन ज्यादा से ज्यादा फेक न्यूज़/सूचनाओं के प्रति लोगों को आगाह करके हम एक बेहतर समाज बना सकते हैं जहां सिर्फ पर्यावरण ही नहीं सूचनाओं का इकोसिस्टम भी दुरूस्त होगा.अपने सहयोगियों राजीव और विश्वजीत के साथ आनेवाले छह महीनों में कोशिश होगी कि दिलचस्प और आंखें खोलनेवाली वीडियोज़ के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को फेक सूचनाओं के प्रति जागरूक कर सकूं”


