अन्नी अमृता
Anni Amrita
जमशेदपुर…
कोर्ट में प्रक्रिया चल रही है और पूरे परिवार को उम्मीद है कि इस साल कांड पर फैसला आ जाएगा.जानकारी के अनुसार कांड की फाॅरेंसिक जांच रिपोर्ट भी पुलिस ने कोर्ट में जमा कर दी है.
बता दें कि आज से सात साल पहले बच्चा चोर के अफवाह में बागबेड़ा के नागाडीह में बागबेड़ा के गौतम वर्मा, विकास वर्मा, उनकी दादी रामसखी देवी और गौतम/विकास के दोस्त गंगेश गुप्ता की भीड़ ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी..दुखद यह था कि पुलिस की मौजूदगी में सब हुआ, लेकिन पुलिस भीड़ के सामने बेबस रही और बल प्रयोग नहीं किया, यहां तक कि समय पर फोर्स नहीं बुलाया गया.
क्या है केस की वर्तमान स्थिति
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बच्चा चोर के अफवाह के बाद हुई माॅब लिंचिंग कांड का कुछ लोगों ने घटनास्थल पर वीडियो बनाया था.वीडियो की सीडी एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है जिसकी फाॅरेन्सिक जांच के लिए उसे भेजा गया था.जानकारी के अनुसार फाॅरेन्सिक जांच रिपोर्ट पुलिस ने कोर्ट में जमा कर दी है.वहीं इस केस में पुलिस की ओर से तमाम गवाहियां कराई गईं हैं.मृतकों के परिजनों ने बताया कि मामले के अधिकांश अभियुक्त जेल की सलाखों के पीछे हैं, लेकिन कुछ अभियुक्त अब भी फरार हैं.परिजनों ने पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के जोरदार प्रयास करे.
क्या है नागाडीह कांड?
17मई 2017 को जमशेदपुर के जुगसलाई के नया बस्ती के रहनेवाले विकास वर्मा, गौतम वर्मा, उनकी दादी रामसखी देवी , विकास/गौतम के दोस्त गंगेश गुप्ता को उन्मादी भीड़ ने लाठी, डंडों, पत्थर से पीट पीटकर मार डाला..दोनों भाई विकास वर्मा, गौतम वर्मा और उनके दोस्त गंगेश गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि बुरी तरह घायल दादी रामसखी की कुछ दिनों तक टीएमएच में इलाजरत रहने के बाद मौत हो गई थी.घटना के दौरान घायल हुए मामले के चश्मदीद गवाह सह भाई उत्तम वर्मा ने बताया कि सेफ्टी टैंक के काम के सिलसिले में वे भाई विकास वर्मा के साथ बाइक से नागाडीह गए थे, जहां भीड़ ने उन्हें बच्चा चोर कहकर घेर लिया, उनकी पुष्टि के लिए जब गौतम वर्मा , गंगेश गुप्ता और दादी रामसखी देवी पहुंची तो भी भीड़ ने नहीं सुनी और उनको भी घेरा, उसके बाद लाठी, डंडों, पत्थरों से मरते दम तक पीटती रही.पुलिस भी असहाय बनी रही.
मामला सुर्खियों में आने पर कार्रवाई शुरु हुई.घटना के तीस से ज्यादा अभियुक्त जेल में हैं.हालांकि परिजनों का कहना है कि कुछ अभियुक्त फरार हैं जिनकी गिरफ्तारी के लिए उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है.
घटना के चश्मदीद और मृतक के भाई उत्तम वर्मा हर साल इस घटना की बरसी पर घर पर ही श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन करते हैं, अत्याचार के खिलाफ इस संघर्ष में वे ही अब परिवार का सहारा हैं.उत्तम और उनके परिवार का कहना है कि 2019के सरायकेला में हुए तबरेज कांड ने खूब सुर्खियां बटोरी, मुआवज़े भी मिले , नेताओं ने सुधि भी ली मगर नागाडीह कांड के पीड़ितों को झारखंड के नेताओं ने भुला दिया…एक ही परिवार के तीन सदस्यों और करीबी परिवार के बेटे को खोकर इन दोनों परिवारों ने मानो सब कुछ खो दिया…
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