जमशेदपुर।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) जमशेदपुर में आज इंडस्ट्री–अकादमिया कॉन्क्लेव (IAC 2025) के तीसरे संस्करण का भव्य उद्घाटन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री अशोक भगत ने एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार के साथ किया। समारोह में देश के कई प्रमुख संस्थानों के निदेशक और उद्योग जगत के दिग्गज उपस्थित थे।
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देश के प्रमुख संस्थानों के निदेशकों ने की उपस्थिति
उद्घाटन समारोह में शामिल प्रमुख अतिथियों में प्रो. सुकुमार मिश्रा, निदेशक, IIT (ISM) धनबाद; प्रो. अरविंद चौबे, निदेशक, NIT दुर्गापुर; एवं प्रो. वी.एम.एस.आर. मूर्ति, निदेशक, IIEST शिबपुर शामिल थे। इसके अलावा उद्योग जगत से श्री आर.के. बेहरा, चेयरमैन, RSB ग्लोबल समेत अनेक विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम ने इस बात को रेखांकित किया कि अकादमिक शोध और औद्योगिक आवश्यकताओं के बीच की दूरी को पाटना भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और सतत विकास के लिए अत्यावश्यक है।
IAC 2025 को चार मुख्य स्तंभों के आधार पर संरचित किया गया है:
1. एमएसएमई और शैक्षणिक संस्थानों के बीच संबंधों को सुदृढ़ करना,
2. औद्योगिक चुनौतियों के समाधान हेतु उन्नत शोध उपलब्ध कराना,
3. उद्योग–उन्मुख शैक्षणिक कार्यक्रम एवं साझा सुविधाओं का विकास,
4. स्टार्टअप समर्थन, मेंटरशिप और वित्तीय पहुंच के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देना।
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पहले दिन हाई–लेवल पैनल चर्चाएँ
कॉन्क्लेव के पहले दिन स्टार्टअप एवं नवाचार, एमएसएमई–अकादमिया सहयोग, स्किल डेवलपमेंट और उद्यमिता विषयों पर उच्च स्तरीय पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं। चर्चाओं में शामिल विशेषज्ञों में श्री विजय के. सैनी (HLE ग्लासकोट), डॉ. मऊ सेन (एमएसएमई निदेशालय, पश्चिम बंगाल सरकार), श्री सौमेन घोष (BITM, कोलकाता), डॉ. अनुपम गेयन (NSIC, कोलकाता), डॉ. देवी प्रसाद दाश, तथा टाटा मोटर्स, आरएसबी ट्रांसमिशन, टाटा कमिंस, ऑटोमोटिव एक्सल्स आदि कंपनियों के एचआर एवं उद्योग विशेषज्ञ शामिल थे। XLRI जमशेदपुर के प्रो. विनायक त्रिपाठी ने कौशल विकास और उद्योग–तैयारी के बदलते परिदृश्य पर महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।
एनआईटी में दो अत्याधुनिक सुविधाओं का शुभारंभ
दिन के दौरान एनआईटी जमशेदपुर और झारखंड के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी दर्ज हुई। संस्थान ने दो महत्वपूर्ण सुविधाओं का उद्घाटन किया—एक टेक्नोलॉजी–बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर, जिसका नेतृत्व प्रो. जी. सूत्रधार, प्रो. अमरेश कुमार और प्रो. एम.के. सिन्हा कर रहे हैं, जिसे एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार से 5 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त हुई है; तथा 20 करोड़ रुपये की लागत से विकसित एक अत्याधुनिक केंद्रीय अनुसंधान सुविधा, जो उच्च स्तरीय विज्ञान और तकनीक अनुसंधान को गति प्रदान करेगी।
कार्यक्रम में वीमेन फ़ोरम: सेलिब्रेटिंग लीडरशिप बियॉन्ड द ग्लास सीलिंग का भी शुभारंभ किया गया, जिसका उद्देश्य महिलाओं उद्यमियों, नवाचारकर्ताओं और सामाजिक नेताओं को मंच प्रदान करना है। पद्मश्री सुधा वर्गीस, संस्थापक नारी गुंजन, ने महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को विकसित भारत के निर्माण की अनिवार्य शक्ति बताया।
उद्योगों का व्यापक सहयोग
कॉन्क्लेव को टाटा स्टील, आर.के. फोर्जिंग्स, आरएसबी ट्रांसमिशन (इंडिया), ग्रीनको एनर्जी, झारखंड ग्राइंड केम, एल्सेवियर, AIMIL लिमिटेड, फिलिप्स मशीन टूल्स, और SSS इंडस्ट्रीज सहित अनेक उद्योग साझेदारों का सहयोग प्राप्त है।
एनआईटी जमशेदपुर द्वारा संवाद और नवाचार को बढ़ावा देने की इस पहल के साथ, IAC 2025 देशभर में उद्योग–अकादमिया सहयोग को नई दिशा देने वाला साबित होने की ओर अग्रसर है।


