JAMSHEDPUR NEWS :जेंडर हिंसा के खिलाफ युवा का 16 दिवसीय अभियान
डालसा में ऑनलाइन हिंसा पर कार्यशाला, वन स्टॉप सेंटर की भूमिका पर भी हुई चर्चा
जमशेदपुर ।युवा संस्था (यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन) और विमेन गेनिंग ग्राउंड कंसोर्टियम, क्रिया नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला में महिलाओं के खिलाफ हिंसा, विशेषकर ऑनलाइन हिंसा और वन स्टॉप सेंटरों की भूमिका पर गहन चर्चा हुई । यह कार्यशाला 16 दिवसीय अभियान के तहत आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य असमानता को दूर कर समानता लाना और सभी महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है और क़ानूनी न्याय की प्रक्रिया को सुगम बनाना | इस कार्यशाला का उदघाटन संयूक्त रूप से डालसा सचिव राजेन्द्र प्रसाद, वकील राजेश श्रीवास्तव, वकील योगिता कुमारी , वकील प्रीति मुर्मू , वकील विदेश कुमार ,वकील विजय गुप्ता , युवा संस्था के संस्थापक अरविंद तिवारी एवं तेंतला पंचायत प्रतिनिधि अबंती सरदार के द्वारा से किया गया | कार्यक्रम का संचालन प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अंजना देवगम ने किया | अरविंद कुमार तिवारी ने युवा का परिचय देते हुए 16 दिवसीय अभियान के उदेश्य पर विस्तृत जानकारी दी |
कार्यशाला के मुख्य बिंदु:
• ऑनलाइन हिंसा: कार्यशाला में प्रतिभागियों ने ऑनलाइन हिंसा के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की। वकील प्रीति मुर्मू ने ऑनलाइन हिंसा के विभिन्न रूपों, जैसे कि ट्रोलिंग, साइबर स्टॉकिंग और यौन उत्पीड़न के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ऑनलाइन हिंसा से सुरक्षा के लिए उपायों पर भी चर्चा की ।
• DLSA की भूमिका: सचिव राजेन्द्र प्रसाद द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) की भूमिका को हिंसा के मामलों में कानूनी सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण बताया गया। DLSA महिलाओं को कानूनी प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान करती है और उन्हें न्याय दिलाने में मदद करती है । वन स्टॉप सेंटरों की भूमिका को महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में रेखांकित किया गया । इन केंद्रों में महिलाओं को कानूनी सहायता, चिकित्सा सहायता और मनोवैज्ञानिक सहायता जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान की जाती हैं जो कि सक्रिय रूप से संचालित नहीं है |
• कानूनी प्रक्रिया : वकील योगिता कुमारी के द्वारा से हिंसा के मामलों में कानूनी प्रक्रिया को सुगम बनाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई । प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि हिंसा के मामलों में त्वरित सुनवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए और पीड़ितों को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए ।
• कानूनों में सुधार: वकील राजेश श्रीवास्तव एवं अविनाश चंद्रा ने ऑनलाइन हिंसा के खिलाफ मौजूदा कानूनों में सुधार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि ऑनलाइन हिंसा के मामलों में सजा को और सख्त बनाया जाना चाहिए।
समापन
कार्यशाला में हुए विचार-विमर्श से यह स्पष्ट हुआ कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक गंभीर समस्या है जिसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। ऑनलाइन हिंसा से निपटने के लिए जागरूकता फैलाना और प्रभावी कानून बनाना आवश्यक है। वन स्टॉप सेंटरों और DLSA जैसी संस्थाओं को मजबूत बनाकर महिलाओं को अधिक सुरक्षित महसूस कराया जा सकता है ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में युवा की चांदमनी सवैयां, रीला सरदार, किरण सरदार,कापरा मांझी ने सक्रिय भूमिका निभाई।
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