Jamshedpur News:बीजेपी शासित राज्यों में आदिवासी, महिलाएं और जवान असुरक्षित – डा. अजय कुमार

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जमशेदपुर। पूर्व सांसद सह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. अजय कुमार शनिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में ना तो आदिवासी सुरक्षित है, ना महिलाएं और ना ही फौज के जवान सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में जिस प्रकार आदिवासी महिलाओं और सेना के जवानों पर अत्याचार व अपराध बढ़े वह चिंता का विषय है. आदिवासी, महिलाएं के साथ बलात्कार एवं अपहरण जैसी घटनाओं की लंबी फेहरिस्त है. लेकिन भाजपा के नेता इस संबंध में मूकदर्शक बने हुए है.

डा. अजय ने कहा कि भाजपा शासन के तहत ओडिशा राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है . हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई हैं. उन्होंने बताया कि 18 सितंबर को ओडिशा के भुवनेश्वर के पास भरतपुर पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों द्वारा एक महिला वकील, जो सेना के एक कप्तान की मंगेतर भी है, के साथ छेड़छाड़ और मारपीट की गई. लेकिन ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कुछ भी नहीं बोला, सिर्फ मूकदर्शक बने रहे. लेफ्टिनेंट जनरल पीएस शेखावत ने ओडिशा के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिख कर न्याय दिलाने की मांग की है. इससे पहले 30 अगस्त को संबलपुर के नाकटीदेउल थाना क्षेत्र के साहेबी गांव में महिला नहाने के लिए पास के नाले में गई थी. जब महिला कई दिनों तक वापस नहीं लौटी तो परिवार के सदस्यों ने स्थानीय पुलिस में उसके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद, 1 सितंबर को गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर झारबेड़ा जंगल के भीतर एक गड्ढे में उसका नग्न शरीर पाया गया. आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़कों पर उतरकर आरोप लगाया कि महिला के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई.
वहीं 8 सितंबर को ढेंकनाल जिले के भापुर गांव की रहने वाली एक 22 वर्षीय महिला के साथ युवकों के एक समूह ने सामूहिक बलात्कार किया था. इस घटना ने पूरे ओडिशा राज्य के समुदायों को झकझोर कर रख दिया है.
16 सितंबर को ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में एक 18 वर्षीय आदिवासी लड़की के साथ उसके प्रेमी सहित तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया. 17 सितंबर को नबरंगपुर जिले में तेंतुलीखुंटी पुलिस सीमा के तहत एक नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इन घटनाओं पर ना तो ओड़िशा के मुख्यमंत्री कुछ बोलने को तैयार हैं और ना ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व.
डा. अजय ने कहा कि आदिवासियों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले झारखंड के बीजेपी नेताओं को अपनी पार्टी की नेत्री सीमा पात्रा के संबंध में भी लोगों को बताना चाहिए. किस तरह सीमा पात्रा ने महीनों तक आदिवासी महिला सीमा खाखा पर जुल्म ढ़ाए थे.
डा. अजय मे कहा कि देशभर में भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जो बलात्कारियों को संरक्षण देती है. महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपी बृजभूषण शरण सिंह, उन्नाव कांड का कुलदीप सेंगर, बीएचयू गैंगरेप के आरोपी व भाजपा के पदाधिकारी हो बिलकिस बानो के गुनहगार अपराधी ये लिस्ट बहुत लंबी है. जिसमें भाजपा ने हर बार सिर्फ बलात्कारियों का ही साथ दिया है.

इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब मणिपुर की घटना में सर्वोच्च न्यायालय को कहना पड़ा कि संवैधानिक लोकतंत्र में औरतों को हथियार की तरह इस्तेमाल करने को स्वीकार नहीं किया जा सकता. अगर केंद्र सरकार और मणिपुर राज्य सरकार इस मामले में कार्यवाही नहीं करती तो हम करेंगें.

डा. अजय ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में सेना का जवान भी सुरक्षित नहीं है. पिछले दिनों इंदौर के मऊ में दो सैन्य अधिकारियों की पिटाई की गई, और उनकी दो महिला मित्रों में से एक के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया, जब वे इंदौर जिले में पिकनिक पर गए थे. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस घटना की निंदा की थी. मणिपुर में उस आर्मी ऑफिसर की बात अभी भी कानों में गूंजती है “”मैंने कारगिल युद्ध में देश के लिए लड़ाई लड़ी और भारतीय शांति सेना के हिस्से के रूप में श्रीलंका में भी था। मैंने देश की रक्षा की, लेकिन मुझे दुख है कि अपनी सेवानिवृत्ति के बाद मैं अपने घर, अपनी पत्नी और साथी ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सका. इतना ही नहीं मणिपुर में छुट्टी पर आए सेना के जवान सिपाही सेरटो थांगथांग कोम का अपहरण कर हत्या कर दी गई. जयपुर थाने में सेना के जवान को नंगा करके पीटा गया.
डा. अजय ने बताया कि 2018 में मुरैना जिले में एक बीजेपी नेता ने सेना के जवान को गोली मार दी. वहीं देश की सुरक्षा में लगे सेना के जवानों की शहादत पर रामपुर (उत्तर प्रदेश) से तत्कालीन बीजेपी सांसद नेपाल सिंह ने रामपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सेना के जवान हैं तो मरेंगे ही. ये भाषा है बीजेपी नेताओं की आप अंदाजा लगा सकते है कि इन राष्ट्रवादियों का चाल और चरित्र क्या है.

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