Jamshedpur Co-operative College:स्वामी विवेकानंद ने भारतीय अध्यात्म के दर्शन का परिचय पूरे विश्व को कराया था: डा अमर सिंह

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जमशेदपुर। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर जमशेदपुर को- ऑपरेटिव कॉलेज में स्वामी विवेकानंद की जयंती काफी धूमधाम तरीके से मनायी गयी। इस अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के एनएसएस इकाई के द्वारा किया गया था।कार्यक्रम की शुरूआत महाविद्यालय के प्राचार्य सह कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा0 अमर सिंह के द्वारा स्वामी विवेकानंद के तस्वीर पर पुष्प अर्पित करके किया गया। अपने संबोधन में मुख्य वक्ता प्राचार्य डा0 अमर सिंह ने कहा कि युवाओं के विश्व को शांति एवं सद्धभावना का संदेश देने वाले अध्यात्मिक गुरू थे स्वामी विवेकानंद । स्वामी जी केवल संत ही नही अपितु एक महान देशभक्त, वक्ता,विचारक लेखक और मानव प्रेमी भी थे। उनका विश्वास था कि पवित्र भारत वर्ष धर्म एवं दर्शन की पुण्य भूमि है। स्वामी विवेकानंद ने युवा शक्ति और भारतीय अध्यात्म के दर्शन का परिचय पूरे विश्व को कराया था। इस अवसर पर डॉ0 अमर सिंह ने बतलाया कि 1893 में शिकागो में स्वामी विवेकानन्द की विश्व धर्म संसद में अपनी ओजस्वी संबोधनों से भारत का गौरव व सम्मान को उत्कर्ष की ऊचाँइयों तक पहुँचाया था। स्वामी जी के आदर्श पर चलकर एक नये राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। सनातन धर्म को परिभाषित करते हुए स्वामी जी ने विश्व को बतलाया था कि सनातन सबकी भलाई सबका कल्याण चाहने वाला धर्म रहा है। उन्होंने बतलाया कि स्वतंत्रता संग्राम के अनेकों दीवाने स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रभावित थे एवं उन्हें अपना आदर्श मानते थे। कार्यक्रम को डॉ0 भूषण कुमार सिंह , डॉ0 संजीव कुमार सिंह एवं डॉ0 राजू ओझा ने भी संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद के मूल विचारों एवं उनसे जुड़ी उत्प्रेरक प्रसंगों की विस्तार से चर्चा की । कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के एनएसएस संयोजक डा0 कृष्णा प्रसाद ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन भौतिकी विभाग के हेड डा0 राजीव कुमार ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से महाविद्यालय के बर्सर डा0 अशोक कुमार रवानी, हिंदी विभाग के हेड डा0 विजय कुमार पीयूष, वोकेशनल कोर्डिनेटर डा0 संजीव कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक डा0 भूषण कुमार सिंह,बीएड विभाग के हेड डा0 राजू ओझा, श्री स्वरूप मिश्रा, इंटर शिक्षक राजीव दूबे, प्रधान सहायक चंदन कुमार, संजय यादव, नीरज नाग, सुचित्रा कुमारी, पदमावती, नाजिस मंसूर, डी आर सोरेन, परम कुमार, लक्ष्मण बानरा, लाल दिग्गी, बिहारी झा, के अलावा काफी संख्या में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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