Jamshedpur Co-operative College:मैने तुमको दिया फल- फूल- छाया, मानव मुझे समझ नही पाया – विश्व पृथ्वी दिवस कार्यक्रम आयोजित

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जमशेदपुर:जमशेदपुर को- ऑपरेटिव कॉलेज में शुक्रवार 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस के अवसर पर संस्थान के बहुउदेशीय भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम काे संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डा0 अमर सिंह ने कहा कि शिक्षा जगत में काम करने वाले सभी शिक्षक- शिक्षकेत्तर कर्मचारी,छात्र- छात्राओं की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे पृथ्वी के बारे में सोचे।पृथ्वी एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन है । यह नही रहेगी तो मानव जीवन की कल्पना नही कि जा सकती।सभी शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी, छात्र – छात्राओं की जिम्मेदारी बनती है कि वह पर्यावरण को लेकर लोगो को जागरूक करें। पृथ्वी सब की माँ है, जीवन दायनी है अतः इसके वातावरण में सुधार लाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधा लगाए। अभी एक बार फिर से समय आ गया है कि एक पुन: हरित क्रांति का उलगुलान करे। आज पृथ्वी की जो दुर्दशा है, उसके लिए एकमात्र मनुष्य ही जिम्मेवार है । अब बात वैश्विक तापक्रम वृद्धि एवं जलवायु परिवर्तन से भी आगे निकलती हुई नजर आ रही है। ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन से जहाँ फसल चक्रों , जानवरों – पक्षियों के ब्रीडिंग ब्यवहार, फ्लोवेरिंग- फ्रुटिंग परिवर्तित हो गए है, वहीं आर्कटिक एवं अंटार्कटिक ध्रुवों के स्थायी बर्फ परतों के पिघलने से पूरी पृथ्वी को 32 करोड़ साल पीछे इओसिन काल में पहुँच जाने का खतरा मंडरा रहा है। युद्ध की विभीषिकाओं ने इसके वातावरण पर वायु एवं विकिरण प्रदूषण का खतरा कई गुणा बढ़ा दिया है। वायु, जल एवं मिट्टी प्रदूषण ने पृथ्वी के वातावरण की नैसर्गिकता को नष्ट कर दिया है। म
मानव का अपने वातावरण के साथ के सामंजस्य का ताना- बाना क्षिण- भिन्न हो चले हैं। पैसे कमाने व विकास के तेज रफ्तार में मनुष्य पर्यावरण को समाप्त करने पर तुला हुआ है। मनुष्य की बुद्धि पर सवार उसकी लालच पूरी पृथ्वी को ही समाप्त करने पर तुली हुई है।वर्तमान समय में पुरे विश्व में तथाकथित विकास की रफ्तार ने जंगलों के सफाया कर दिया है। प्रति मिनट 13 हेक्टेयर जंगल काटे जा रहे है। प्रति वर्ष 7 मिलियन टन कार्बन वातावरण में मिलता जा रहा है। इस भार से पृथ्वी कराह रही है। प्राचार्य डा0अमर सिंह ने लोगो से आग्रह किया कि पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधा लगाए।उन्होंने रूस – युक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि सारे देश जिस तरह से खतरनाक मिसाईल, परमाणु आदि का प्रयोग एवं परीक्षण कर रहे
हैं उससे भी पर्यावरण को अपूरणीय क्षति हो रही है।कार्यक्रम का आयोजन जंतू विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान जंतू विज्ञान के छात्र- छात्राओं के द्वारा संगीत के माध्यम से पृथ्वी बचाने का आहवान किया गया।इस अवसर पर प्राचार्य डा0 अमर सिंह, डा0 नीता सिन्हा,डा0राजीव कुमार,श्री मुस्ताक अहमद,डा0 विजय कुमार,डा0 मंगला श्रीवास्तव, डा0 भूषण कुमार सिंह, डा0 प्रभात कुमार सिंह,डा0 आरएसपी सिंह, डा0 सुनीता सहाय,डा0 एस एन ठाकुर, डा0 अशोक कुमार रवानी, डा0 स्वाती सोरेन, डा0 दुर्गा तामसोय,डा0 कृष्णा प्रसाद,बीएड हेड डा0 राजू ओझा, फलोरेंस बेक, डा0 खुशवंत कौर,अजित कुमार दुबे, महेंद्र कुमार,डा0 भावना शुक्ला,स्वरूप मिश्रा, सुबोध कुमार, के इश्वर राव,डा0 संगीता कुमारी, डा0 सरस्वती सरकार, डा0 मधुसुदन महतो,डा0 अनुपम, डा0 नीली कुमारी, डा0 अनिता कुमारी, डा0 अंशु श्रीवास्तव,डा0 प्याली विश्वास,प्रधान सहायक चंदन कुमार, संजय यादव, कृष्णा कुमार, परम संतोष एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

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