बहरागोड़ा से भाजपा के मजबूत दावेदार हो सकते है कुणाल

37

संतोष कुमार अग्रवाल     जमशेदपुर.1 सितबंर

बहरागोडा विधानसभा में भाजपा और विद्युत की अग्नि परीक्षा विधानसभा चुनाव की आहट होते ही जमशेदपुर लोकसभा के सबसे क़रीबी मुक़ाबलों के रुप में परिचित बहरागोडा विधानसभा की राजनीतिक स्थिति इस बार सबसे रोचक है।यहाँ के पूर्व झामुमो विधायक और बर्तमान सांसद विद्युत महतो के झामुमो छोड़कर भाजपा में आने के बाद से ही यहाँ की चिर प्रतिद्वंद्वी पार्टियाँ झामुमो और भाजपा के उम्मीदवारों के नामों की चर्चा शुरू हो चुकी थी। पुर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी, सरोज महापात्र, डाॅ प्रतिमा पाणी, आस्तिक महतो समेत कई नाम हवा में थे। पिछले लोकसभा में मोदी की सुनामी लहर और वरिष्ठ आजसू के समर्थन के वावजूद इस विधानसभा में भाजपा को दस हज़ार मतों की ही बढ़त मिल पायी। विपरीत परिस्थितियो में भी जहाँ झािवमो ने अपने मतों में भारी इज़ाफ़ा किया और डाॅ दिनेश षाडंगी के परम्परागत मतों और डाॅ अजय कुमार के नाम के आधार पर पचास हज़ार मत हासिल किए और झामुमो ने भी अपने पुराने गढ़ में विद्युत महतो को ज़्यादा सेंधमारी नहीं करने दी और चुनावी संसाधन और प्रबंधन के घोर अभाव में भी सभी अनुमानों के विपरीत ३० हज़ार मत प्राप्त किए। लोकसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद से ही पुरे राज्य के झािवमो में भगदड़ मची हुइ है। इस कहानी में नया मोड़ तब आया जब दो बार के विधायक, स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ झािवमो नेता डाॅ दिनेश षाडंगी ने डाॅ अजय कुमार की हार के बाद अपनी राजनीतिक गतिविधियां बिलकुल धीमी कर दी और चुनावी राजनीति से सन्यास लेने के भी संकेत दिए। पिछले तीन चुनावों में यहाँ की राजनीति के दो मुख्य स्तंभ डाॅ दिनेश सारंगी और विद्युत महतो के चुनावी मैदान में न होने से यहाँ के राजनीति के जानकारों के सर पर भी बल पड़ने लगे थे। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा होने लगी कि मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन युवा समाजसेवी डाॅ दिनेश षाडंगी के पुत्र कुणाल षाडंगी को झामुमो में शामिल करके उन्हें आगामी विधान सभा चुनाव में उम्मीदवार बना सकते हैं। जानकार इसके पीछे झामुमो के परम्परागत मत और डाॅ दिनेश षाडंगी के समर्थन के गठबंधन की दुहाइ देने लगे थे। विश्व की सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय हार्वड के पूर्व छात्र और विश्व की अनेक नामचीन कम्पनियों की नौकरी त्याग कर बहरागोडा लौटे कुणाल षाडंगी ने बीते तीन सालों में अपने सामाजिक कार्यों के द्वारा पुरे अनुमंडल में स्वास्थ्य, शिक्षा, जन समस्याओं के लिए आंदोलन, खेल आदि क्षेत्रों में एक अलग पहचान बनायी है और क्षेत्र के युवाओं में युथ आइकन के रूप में लोकप्रियता हासिल की है। तेज़ी से बदलते घटनाक्रम में भाजपा ने एक नया दाँव खेल कर यहाँ की राजनीति में भूचाल ला दिया है। डाॅ दिनेश षाडंगी की दुबारा २५ सितंबर को भाजपा में वापसी हो रही है और विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक़ कुणाल अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत भाजपा से करेंगे। ज़ाहिर है सांसद विद्युत महतो की प्रतिष्ठा सीधी तौर पर इस सीट से जुड़ी है। डाॅ षाडंगी की वापसी से भाजपा पूरे कोल्हान में और मज़बूत होगी और इसका सीधा फ़ायदा सांसद विद्युत महतो को होगा।संगठन के जानकारों का मानना है कि भाजपा डाॅ षडंगी का इस्तेमाल उडिया बहुल क्षेत्रों में करना चाहती है। बहरागोडा विधानसभा में पिछले तीन चुनावों से एक दूसरे के घोर विरोधियों के एक मंच पर आने से यहाँ भाजपा को चुनौति देना विपक्ष के लिए बहुत टेढ़ी खीर होगी। सुत्र बताते हैं कि इस प्रयोग की विसात कुछ दिनो पहले राँची में रखी गई जिसमें कोलहान और राष्टृीय स्तर के भाजपा के कई नेता शामिल हुए। कुणाल के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा से काफ़ी नज़दीक़ी व्यक्तिगत संबंध होने की चर्चा है।सुत्रों के अनुसार बीते दिनों जब मुंडा अपने बेटे की चिकित्सा के लिए दिल्ली दौरे पर थे, कुणाल ने उनसे लम्बी मुलाक़ात की थी। भाजपा के कई अन्य वरीय नेता भी इस नए प्रयोग के समर्थन में है क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह जीतने वाले और साफ़ सुथरी छवी और शिक्षित युवाओं को टिकट देने के पक्षधर है । हाल में सम्पन्न उप चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन के बाद प्रदेश नेत्रित्व किसी सीट पर कोइ जोखिम नहीं उठाना चाहता। सारी परिस्थितियों का आकलन करने पर पूरी संभावना है कि भाजपा बहरागोडा विधानसभा में कुणाल षडंगी पर दाँव लगा सकती है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More