जमशेदपुर । विश्व पोलियो दिवस के अवसर पर पोलियो के खिलाफ लड़ाई के लिए रोटरी क्लब, जमशेदपुर 24 अक्टूबर को बेल्डीह क्लब से एक रैली आयोजित करेगा। रैली सुबह 7.30 बजे शुरू होगी। रोटेरियंस और उनका परिवार, स्कूल के बच्चों के साथ बिष्टुपुर स्थित ट्राएंगुलर पार्क में रोटरी क्लॉक के पास इक्ट्ठा होंगे। यहां पोलियो के खिलाफ लड़ाई और वे फॉरवार्ड पर विचार-विमर्श का एक दौर चलेगा। शाम को बड़े पैमाने पर नागरिकों के लाभ के लिए इस क्षेत्र को रोशन किया जायेगा, ताकि पोलियो उन्मूलन का संदेश सभी को बताया जा सके। शहर के होर्डिंगों में एक उपयुक्त संदेश भी लगाया जा रहा है।
रोटरी इंटरनेशनल एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय है, जो स्थानीय और वैश्व स्तर पर दुनिया की सबसे कठिन चुनौतियों को लेकर कदम उठाता है। पोलियो उन्मूलन रोटरी के सबसे लंबे समय तक चलने वाले महत्वपूर्ण प्रयासों में से एक है। अपने सहयोगियों के साथ, रोटेरियंस ने 122 देशों में पोलियो के खिलाफ 2.5 बिलियन से अधिक बच्चों के टीकाकरण में मदद की है। रोटरी के प्रयासों से दुनिया भर में पोलियो मामलों में 99.9 प्रतिशत की कमी आई है और रोटेरियंस का कहना है कि वे पोलिया के खिलाफ इस लड़ाई को तब तक जारी रखेंगे, जब तक कि यह रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।
1979 में फिलीपींस में बच्चों के टीकाकरण की पहली परियोजना से शुरूआत करने के बाद, रोटरी ने 1985 में पोलियो प्लस प्रोग्राम चलाया और उन बच्चों को पोलियो व डीपीटी के टीके दिये, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ था। 1988 में डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, विभिन्न देश की सरकारों और बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की मदद से पल्स पोलियो कार्यक्रम शुरू किया गया। उस समय पर पोलियो के वार्षिक 350000 मामले हुआ करते थे। कार्यक्रम के 30 वर्षों के बाद सितंबर 2018 में पोलिया का नवीनतम आंकड़ा 17 है (अफगानिस्तान – 14 और पाकिस्तान – 3)। यह मास ओरल पोलियो टीकाकरण के कारण संभव हो पाया है। इस साल नाइजीरिया में अब तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। इस हद तक, संगठन पोलियो उन्मूलन की ओर सफलता की कगार पर है।
जहां तक भारत में पोलियो उन्मूलन के अभियान की बात है, तो यहां पहले अत्यधिक आबादी के साथ-साथ स्वच्छता स्तर का स्तर निम्न था, जो मल आदि के माध्यम से पोलियो वायरस के प्रसार के लिए अनुकूल परिस्थितियां थीं। यह इस तथ्य के साथ था कि भारत में ऐसी जगहें हैं, जहां पहुंचना बहुत कठिन है, जैस – उत्तर पूर्व के जंगलों, नदी तटों या अंदरूनी भारत के मैदानी इलाकों में जहां पहले सड़क नाम की चीज नहीं थी। फिर भी रोटेरियंस इन दूरदराज की सभी बाधाओं को पार कर वहां पहुचने में कामयाब रहे।
पोलियो के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए रोटरी क्लब, जमशेदपुर की भूमिका के संदर्भ में डॉ. श्रीमती बी आर मास्टर, जो क्षेत्र के पोलियो कोऑर्डिनेटर भी रही हैं, कहती हैं, “जमशेदपुर में 7 रोटरी क्लब हैं। पिछले 20 वर्षों में जमशेदपुर के रोटेरियंस ने टीकाकरण अभियान के दौरान समय-समय पर सभी नामित केंद्रों तक पोलियो के टीके पहुंचाने में सरकारी एजेंसियों की सहायता कर पोलियो उन्मूलन में मदद की है। कई मामलों में, रोटेरियंस ने अपने व्यक्तिगत वाहनों में स्वयंसेवकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है। इसके साथ-साथ पूरे शहर में प्रभात फेरी का आयोजन किया गया, ताकि रोग पर जागरूकता पैदा की जा सके। जागरूकता संदेशों को प्रसारित करने के लिए रोटरी के स्टुडेंट विंग इंटरक्ट क्लबों की भी मदद ली गयी है।“
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