JAMSHEDPUR -पृथ्वी की गर्मी को कम करने के लिए”100 लोगों के बीच500 से भी ज्यादा फलदार एवं औषधीय पौधे वितरित किए गए*

सोनारी एवं गदरा में आनंद मार्ग के द्वारा निशुल्क 500 पौधों का वितरण

76

जमशेदपुर:

सोनारी कबीर मंदिर के पास सुबह 6 से 10 बजे , एवं 2 से 5 तक गदरा आनंद मार्ग जागृति मे लगभग लगभग 500 पौधे वितरित किए गए हैं जिनमें फलदार पौधे अनार ,पपीता, आंवला, काजू ,कटहल ,जामुन बेल , सो प्लांट इंडोर प्लांट,जूही फूल है रात की रानी फूल, ब्राह्मी ,त्रिफला का पौधा (आंवला, हरे एवं बहेरा)पाथर कुची( पथरी नाशक) कचनार फूल, लाल फूल वाला सीता अशोक, गिलोय ( अमृता) , , जावा फूल (उरहुल) , तुलसी एवं शम्मी का पौधा तथा अन्य तरह के पौधे आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की ओर से “एक पेड़ कई जिंदगी” अभियान के तहत निशुल्क पौधा वितरण कार्यक्रम क्रोना वायरस के दुष्प्रभाव के कारण सोशल डिस्टेंस, हंडगलप्स, एवं मास्क पहनकर इच्छा अनुसार लोगों के बीच पौधा वितरित किया गया प्रत्येक व्यक्ति को तीन से चार तरह के पौधे दिए गए

सुनील आनंद ने पर्यावरण के महत्व के विषय में बताते हुए कहा कि सन 1980 के बाद से धरती की सतह का औसत तापमान तकरीबन 1 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है नासा का कहना है कि यह गर्मी कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन ग्रीन हाउस गैसों और पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ के कारण उत्पन्न हुई है जंगलों की अंधाधुंध कटाई ने इस समस्या को गंभीर कर दिया है जो कार्बन डाइऑक्साइड पेड़-पौधे शोख लेते थे वह अब वातावरण में घुल रही है दूसरी ओर ब्रिटिश मौसम वैज्ञानिकों ने चेताया है कि अगले 5 साल पिछले 10 वर्षों के मुकाबले अधिक सर्वाधिक गर्म रहने वाले हैं तापमान बढ़ने का सीधा असर खेती किसानी पर पड़ेगा और पैदावार कम हो जाएगी कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि 1 डिग्री तापमान बढ़ने से पैदावार में 3 से 7 फ़ीसदी की कमी आ जाती है भारत में पर्यावरण को लेकर एक बड़ा खतरा पॉलिथीन और प्लास्टिक से भी है आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल जमशेदपुर की ओर से इस समस्या से उबरने के लिए एक पेड़ कई जिंदगी कार्यक्रम के तहत एक छोटा सा प्रयास संस्था की ओर से की जा रही है

संस्था का कहना है कि जो लोग भी निशुल्क पौधा वितरण में पौधा उपहार के रूप में ले जाते हैं वह सभी धन्य है क्योंकि संस्था की ओर से एक पेड़ कई जिंदगी कार्यक्रम को सार्थक बनाने में वह बहुत बड़े सहयोगी हैं संस्था उनको आदर करता है सुनील आनंद का कहना है कि हम लोग पौधे ग्रहण करने वाले का आभारी हैं

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More