जमशेदपुर – SATNAM किसानो के साथ सिंधू बॉर्डर पर धरने पर बैठे

देश का किसान किसी का मोहरा नहीं बन सकता है : गंभीर

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जमशेदपुर। ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन पूर्वी भारत इकाई के अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने कहां कि देश का किसान किसी का मोहरा नहीं बन सकता है। वह अपने अधिकारों और हकुक के प्राप्ति के लिए सड़कों पर आया है। किसान अपना एवं अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि देश एवं मानवता के लिए जीता है। वह कर्मवीर है। वह अन्नदाता है
ऐसे में यदि किसान का बुरा होता है तो पूरे देश का बुरा होना स्वाभाविक है।
सतनाम सिंह गंभीर बुधवार को दिल्ली सिंधु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने किसान को आश्वस्त करते हुए कहा कि पूरी देश एवं दुनिया की जनता आपके साथ है। केवल वही आप का विरोध कर रहे हैं जो पूंजीपतियों के हाथ का खिलौना है। सरकार अपने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा की सरकारी मंडी खरीद सिस्टम को ध्वस्त करना चाहती है। उनके अनुसार वे बिहार एवं झारखंड से हैं और वहां किसानों को मकई की फसल बेचने के क्रम में प्रति क्विंटल ₹ एक हजार का नुकसान सहना पड़ा है।
बिहार झारखंड में किसानों का कोई हितैषी नेता भी नहीं है यही कारण है कि वहां के किसान की आवाज सुनी नहीं जा रही है।
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह अहंकारी मुद्रा छोड़े और देश के किसानों को सुनें। उन्होंने राष्ट्रपति से अपील की कि वे सरकार को निर्देश दे कि संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर संशोधित कृषि कानूनसे उन प्रावधानों को हटाया गया जिन पर किसानों को आपत्ति है।
सरकार यदि वास्तव में किसानों का भला चाहती है तो उसे एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कानूनी अमलीजामा पहना देना चाहिए। एमएसपी से कम कीमत पर खरीद करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया जाना चाहिए।
SATNAM SINGH GAMBHIR  ने कहा कि उनका संगठन एवं देश के युवा किसानों के साथ खड़े हैं। हरित क्रांति एवं किसानों के कारण ही देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हुआ है और उसे पश्चिमी देशों के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। यदि किसानों को विपरीत स्थिति झेलनी पड़ी तो देश के लोगों समझ जाओ।देश की जनता के बुरे दिन शुरु होंगे और फिर देश को अनाज के लिए अमेरिका कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया के आगे कटोरा लेकर खड़ा होना पड़ेगा।
सतनाम सिंह गंभीर ने सभा में उन एजेंसियों को बाज आने को कहा जोफेसबुक टि्वटर एवं इंस्टाग्राम में फर्जी पोस्ट कर किसान आंदोलन को देश विरोधी तत्वों के साथ जोड़ने की साजिश कर रहे हैं।

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