
मरीजों की अपेक्षा कम पड़ रही शहर के अस्पताल में बेडों की संख्या
एमजीएम, मर्सी, टीएमएच में बढ़ रही भीड़
रवि कुमार झा,जमशेदपुर.22 अगस्त
मौसम में हो रहे बदलाव, बारिश और ग्रामीण क्षेत्रों में आयी बाढ़ से जिले में मलेरिया और डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में स्थिति यह है कि मरीजों की संख्या के आगे बेड कम पड़ रही है.

एक ओर स्वास्थ्य विभाग बरसाती बीमारी से निबटने के लिए मच्छर मारने की दवा, साफ सफाई अभियान जोरशोर से चलाने की बात कर रही है तो दूसरी और जिले में मलेरिया, डायरिया के मरीजों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी होती जा रही है. बदलते मौसम, बारिश, ग्रामीण क्षेत्रों में आयी बाढ़ से डायरिया और मलेरिया के मरीजों को काफी बढ़ोतरी हुई है. सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट अस्पताल हर जगह मलेरिया और डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. एमजीमएम अस्पताल की ओपीडी में जनरल फिजिशियन के पास प्रतिदिन सैकड़ों मरीज दिखलाने के लिए आ रहे हैं. अस्पताल में मलेरिया और डायरिया के मरीजों से सभी बेड भरे हैं. वहीं स्थिति सदर अस्पताल जुगसलाई का भी है. एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ आर वाई सिंह ने कहा कि मरीजों की संख्या बढ़ रही है. अस्पताल में मलेरिया और डायरिया के मरीजों के लिए प्रर्याप्त दवाइयां हैं. सुविधाओं के अनुसार अस्पताल में मरीजों व्यवस्था दी जा रही है. भर्ती करने वाले मरीज को भर्ती भी लिया जा रहा है. शहर के प्राइवेट अस्पताल टीएमएच, लाइफ लाइन, ब्रह्मानंद नारायण हृदयालय स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भी मलेरिया और डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. टीएमएच में डायरिया, मलेरिया समेत अन्य तरह की बीमारियों के भी मरीज हैं जिन्हें स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही है.
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मरीजों को जबरन दी जा रही छुट्टी
जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में बेडों की संख्या कम पडऩे के कारण डॉक्टर और नर्स भर्ती मरीजों को छुट्टी देने पर मजबूर हैं. वहीं डॉक्टरों और नर्सों के इस व्यवहार से मरीजों में आक्रोश है. बागबेड़ा निवासी शबीना और कपाली ताजनगर निवासी रुकसाना परवीन का कहना है कि वे लोग पिछले करीब दस दिनों से अस्पताल में भर्ती है, उसका अभी इलाज चल ही रहा था कि मंगलवार को उन्हें जबरन छुट्टी दे दी गई. वहीं रुकसाना का कहना है कि उसका अगले सप्ताह ऑपरेशन होना है लेकिन इससे पहले उसे छुट्टी दे दी गई. डॉक्टरों का कहना है कि वे वैसे मरीजों को छुट्टी करने से मजबूर हैं जो पहले से भर्ती है. क्योंकि नए गंभीर मरीज आ रहे हैं उन्हें भर्ती करना जरूरी होता है.
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