जमशेदपुर -कश्मीर मांगोगे तो चीर देंगे के नारे को मोदी सरकार ने दिया मूर्त रूप : कुणाल षाड़ंगी
- वर्चुअल रैली में जग्गनाथपुर विधानसभा के पांच हज़ार से अधिक लोग हुए शामिल
जमशेदपुर।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश व्यापी वर्चुअल रैली के क्रम में मंगलवार को जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता से भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने संवाद कर केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाई। भाजपा पश्चिमी सिंहभूम के फेसबुक पेज से आयोजित वर्चुअल रैली में पांच हज़ार से अधिक पार्टी कार्यकर्ता और जनता शामिल हुए। लगभग 32 मिनट के ऑनलाइन संबोधन में पूर्व विधायक और युवा भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने मोदी सरकार की उपलब्धियों सहित प्रदेश भाजपा के सेवा कार्य और कोरोना महासंकट पर खुलकर चर्चाएँ की। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि देश का नेतृत्व मज़बूत हाथों में है। केंद्र की मोदी सरकार 2.0 के प्रथम वर्षगांठ पर युवा भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में जनता के बीच केंद्र सरकार के कार्यों की रिपोर्ट कार्ड को प्रस्तुत किया और हेमंत सरकार को कई सवालों में घेरा। कहा कि संकट को अवसर में बदलने और तकनीक से जनता को सीधा जोड़ने में भाजपा की कोई सानी नहीं है। डीबीटी के माध्यम से बिचौलियों की कमीशनखोरी पर रोक लगाने की बात हो या कोरोना महासंकट के दौर में भी डिजिटल तकनीकों से जनता से जुड़े रहने की बात हो, भाजपा हमेशा पार्टी विथ डिफरेंस रही है।
पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ होना केवल मोदी सरकार की मज़बूत इच्छा शक्ति का प्रतिफल है। कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटाने की बात हो या ट्रिपल तलाक़ और नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने का मसला हो। मोदी सरकार ने अपने चुनावी संकल्पों को सिद्ध किया। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि पाकिस्तान में दो बार सर्जिकल स्ट्राइक कर मोदी सरकार ने साफ़ संदेश दिया कि “कश्मीर माँगोगे तो चीर देंगे”।
इधर कोरोना महासंकट के विषय पर भी कई चुनौतियों पर संक्षेप में चर्चा करते हुए युवा भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि इसका वैश्विक और दूरगामी असर होगा। कहा कि वोकल फ़ॉर लोकल के नारों से लोकल उत्पादों और लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने की ज़रूरत है। इस दौर में छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और रेहड़ी दुकानदारों की समस्याओं पर भी चिंता ज़ाहिर करते हुए बताया कि झारखंड सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलना चिंताजनक है। इधर किसानों की समस्या को भी कुणाल षाड़ंगी ने प्रमुखता से उठाते हुए हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर ताबड़तोड़ कई सवाल दागें। कहा कि हेमंत सरकार में कार्ययोजनाओं और इच्छाशक्ति का अभाव है। पूर्व विधायक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की महत्वकांक्षी योजना “मुख्यमंत्री कृषि आशिर्वाद योजना” को हेमंत सरकार ने बंद कर के किसानों को कठिनाईयों में धकेला है। दूसरी ओर जानबूझकर प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना की राशियों को झारखंड में बैंकों द्वारा होल्ड पर रखे जा रहे हैं। किसानों के लोन माफ़ी के चुनावी जुमले को याद दिलाते हुए कुणाल षाड़ंगी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा कि ग़रीब किसानों से आख़िर कैसे आँख मिला पाएंगे मुख्यमंत्री। श्री षाड़ंगी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वाहन किया कि समावेशी विकास और आधारभूत संरचनाओं का जो विकास मॉडल प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्थापित किया है उसकी जानकारी और योजनाओं से जनता को जोड़ने में भाजपा कार्यकर्ता सेतु की भूमिका निभाएं।
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