विज्ञान पर भारी धार्मिक आस्था १४ घंटा रहा गाँव में पानी चूल्हा बंद मामला मुसाबनी प्रखंड के तिरिलघुटु गाँव का

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संतोष अग्रवाल.जमशेदपुर, १५ अप्रैल
मुसाबनी प्रखंड के जादूगोड़ा थाना के ठीक पीछे उत्तरी इच्डा के मुखिया रेखा उराँव के बस्ती में लगभग १४ घंटा तक पूरा गाँव के चापाकल , कुंवा ,को सील कर दिया गया एवं पुरे बस्ती में किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला , जिसका कारण गाँव वालो की धार्मिक आस्था एवं गाँव में होने वाली माँ शीतला की पूजा ,
गाँव के राजकुमार कालिंदी ने बताया की हमारे घर में हमारा पूरा परिवार पिछले कई वर्षों से शीतला माता का अपुजा किया करता अथा परंतु विगत २ -३ वर्षों से हमारे यहाँ माता की पूजा नहीं हो रही थी , जिसके कारण मेरी छोटी बेटी में माँ शीतला का वास विगत १५ दिनों से हो गया है एवं वह प्रत्येक दिन झूमते हुए कहती है की तुमलोग पूरा गाँव सहित मेरा पूजा पाठ करो नहीं तो में पुरे गाँव को बर्बाद कर दूंगी और अगर तुम लोग विधि विधान से मेरा पूजा पाठ करोगे तो गाँव में सुख समृधि आएगी , एवं हाल के दिनों में बस्ती में दो-तीन अकाल मृत्यु होने के कारण हमलोग भयभीत थे फिर इस प्रकार का बेटी द्वारा बार-बार माँ शीतला का पूजा करवाने को लेकर चेतावनी देने पर हम सब ग्रामीणों ने मिलकर यह निर्णय लिया की मंगलवार को पुरे गाँव में धूम धाम से माता का पूजा किया जाएगा एवं माँ शीतला हमेशा शीतलता पसंद करती है एवं उन्हें भारी आवाज़ गर्मी बिलकुल पसंद नहीं है जिसके कारण हमलोगों ने सामूहिक निर्णय लिया की जब तक माता का कलश गाँव में नदी से नहीं लाया जाएगा एवं पूजा अर्चना नहीं होता है तब तक गाँव में जितना भी चापाकल है उन्हें बंद कर दिया गया एवं गाँव के कुंवो से भी पानी नहीं निकाला जाएगा एवं न ही किसी के घर में चूल्हा ही जलाया जाएगा इसका कारण बताया की चापाकल एवं कुंवा से पानी निकालने पर भारी आवाज्होता है एवं घर में चूल्हा जलाने पर गाँव में गर्मी फैलेगी जो माता को विचलित करती है इसलिए इन सबो पर पूजा के पहले पाबंदी लगाया गया है ,
एवं मंगलवार को पूरा गांव के प्रत्येक घर से बस्ती को साफ़ सुथरा किया गया एवं हमारे घर को पूरा तरह से सजाया गया एवं धूमधाम से पूजा अर्चना की जायेगी तभी गाँव में सुख समृधि एवं मेरे घर में फैली अशांति दूर होगी ,
वहीँ पंचायत की मुखिया सह बस्ती निवाशी रेखा उराँव ने बताया की गाँव में बार-बार हो रही अकाल मृत्यु से लोग भयभीत थे एवं राजकुमार कालिंदी की छोटी बेटी में शीतला माता का वाश एवं बार बार उसके द्वारा पूजा अर्चना की चेतावनी के बाद हम सबो ने सामूहिक निर्णय लिया की गाँव में माता का पूजा विधि – विधान से किया जाएगा जिससे गाँव में शान्ति – समृधि बनी रहे इसलिए पूजा होने तक गाँव का चूल्हा एवं चापाकल , कुंवा में पाबंदी लगी है ,
जहाँ विज्ञान द्वारा इन सबो को लोगो का अंधविश्वास एवं इसे माने से इनकार कर रहा है वहीँ गांवों में आज भी विज्ञान को चुनौती देते हुए लोग धर्म को विज्ञान पर भारी बता कर धार्मिक आस्था को मानते हुए अपनी श्रधा जाता रहे है ,
एवं गाँव में कलश यात्रा कर माता का पूजा धूम धाम से करने के बाद लोगो ने घर में चूल्हा जलाया ,

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