आदित्यपुर केनाल डिविजन के अभियंता और एसडीओ सहित ठेकेदार पर मामला दर्ज आरटीआई कार्यकर्ता सोनू कालिंदी के सुचा ने मचाई खलबली

संवाद सूत्र जादूगोड़ा १२-०४-२०१४
पोटका प्रखंड के झरिया मौजा वन क्षेत्र में नहर निर्माण के लिए बड़ी संख्या में वन विभाग के जमीन पर मिटटी कटाई किया गया साथ ही सेकडों की संख्या में छोटे बड़े पेडों का पातन किया गया कुछ माह पहले ग्रामीणों द्वारा आपति जताए जाने के बाद भी पेडो का पातन और वन भूमि में नहर निर्माण जारी रहा , इस बात की जानकारी होने पर सामाजिक कार्यकर्ता सह आरटीआई कार्यकर्ता सोनू कालिंदी ने सूचना के अधिकार के तहत डीएफओ से सूचना माँगा की किस आदेश के तहत वृक्षों का पातन एवं वन भूमि में निर्माण हुआ है , सोनू द्वारा दिए गए आवेदन का वन विभाग में पहुँचते ही पुरे विभाग में खलबली मच गयी और विभाग द्वारा काम बंद करवा दिया गया और इस मामले में वनरक्षी राजदोहा परिसर निरंजन खंडेत के लिखित आवेदन और गवाह प्रधान बारी ( वनरक्षी ) एवं तैय्तारी भकत ( वनरक्षी ) के गवाही पर ठेकेदार सहित तीन लोगो पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है उनका नाम व पद इस प्रकार है .
शिशिर कुमार चौधरी ( कार्यपालक अभियंता आदित्यपुर केनाल डिविजन )
बिरेन्द्र कुमार सिंह ( एसडीओ आदित्यपुर केनाल डिविजन ) और ठेकेदार राजेश कुमार भालोटिया ( मेसर्स मंगोतिया कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ग्वालापाडा रोड जुगसलाई जमशेदपुर ) इन तीनों के ऊपर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है ,
आरटीआई कार्यकर्ता सोनू कालिंदी ने कहा की इस पुरे मामले में सबसे अधिक दोषी राखा वन क्षेत्र के अधिकारी है और जो मामला वन विभाग द्वारा दर्ज किया गया है उसमे सिर्फ मिटटी खुदाई का आरोप लगाया गया है जबकि नहर निर्माण के लिए बड़ी संख्या में बड़े और छोटे वृक्षों का पातन किया गया है और यह सब वन विभाग के अधिकारियों के घोर लापरवाही का नतीजा है जिसके कारण वन विभाग की जमीन पर कई किलोमीटर तक काम हो गया , उन्होंने कहा की वे इस संबंध में उच्च न्यायालय रांची में पीआईएल दाखिल करेंगे ,
वहीँ इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सुदाम सोरेन ने कहा की जब एक गरीब जंगल से लकड़ी काटते हुए पकड़ा जाता है तो उसका कटारी भी जब्त कर लिया जाता है लेकिन झरिया मौजा में इतने बड़े बड़े गाडिया और पोकलेन लगाकर मिटटी एवं वृक्षों को काटा गया सबकुछ वन विभाग के आँखों के सामने हुआ लेकिन उन्होंने कुछ भी जब्त नहीं किया , इसमे वन विभाग के अधिकारियों के ऊपर भी कारवाई होनी चाहिए ,
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