निवाले की आस मे अटका स्कूल चले हम अभियान का भविष्य एमडीएम बंद होने से शिक्षण व्यवस्था चरमराई नए सत्र मे विद्यार्थियो का नामांकन नहीं के बराबर
संतोष अग्रवाल,जमशेदपुर,22अप्रैल
एमडीएम मसले पर तमाम सरकारी दावे खोखले साबित हुए है पूरे पोटका प्रखण्ड का शायद ही कोई विद्यालय हो जहां मिड डे मिल सफलतापूर्वक संचालित हो रही है ,
एमडीएम की विफलता का सीधा असर प्रखण्ड के संचालित सरकारी विद्यालयो मे पड़ रहा है और इन विद्यालयो मे अभी तक 10 % भी नामांकन नही हो पाया है ,
एक तरफ जहां भीषण गर्मी मे नोनिहालों के हलक सुख रहे है वहीं एमडीएम के अनियमितता ने उनका निवाला भी छिन लिया है ,
एमडीएम बंद होने के कारण पोटका प्रखण्ड के मध्य विद्यालय भाटिन मे 20 प्रतिशत बच्चो की संख्या घट गयी है इस स्कूल मे एक से आठ तक पढ़ाई होती है और कुल विद्यार्थियो की संख्या 278 है , वहाँ के प्राचार्य दुहीराम मांझी ने बताया की फंड की कमी के कारन एमडीएम बंद किया गया है यहाँ पर 18 फरवरी 2014 से एमडीएम बंद है और स्कूल करीब पाँच हज़ार के लॉस पर चल रहा है ,
उसी प्रकार उत्क्रमित मध्य विद्यालय तिलाईटांड़ मे एक से आठ तक की पढ़ाई होती है और यहाँ कुल 161 विद्यार्थी है और एमडीएम बंद होने के कारण यहाँ मंगलवार को केवल 78 बच्चो की उपस्थिती थी यानि 50 प्रतिशत से भी कम उपस्थिती थी , स्कूल के प्राचार्य केसी साव ने बताया की 12 दिन से एमडीएम बंद है और स्कूल माइनस 11000 के नुकसान पर चल रहा है ,
उत्क्रमित मध्य विद्यालय तिलाईटांड़ स्कूल का आंकड़ा मंगलवार को इस प्रकार था
क्लास एक – कुल छात्र 18 उपस्थिती -11
क्लास दो – कुल 18 उपस्थिती 16
क्लास तीन – कुल 16 उपस्थिती 12
क्लास चार – कुल 18 उपस्थिती 11
क्लास पाँच – कुल छात्र 27 उपस्थिती – 15
क्लास छह – कुल 23 उपस्थित – 13
क्लास सात – कुल 27 उपस्थित – 11
क्लास आठ – कुल 28 उपस्थित – 9
ये तो केवल एक स्कूल का आंकड़ा दिया गया है इसी प्रकार प्रखण्ड के अन्य स्कूलो का हाल आसानी से समझा जा सकता है ,
इस संबंध मे डीएससी पूर्वी सिंहभूम का कहना है की राशि का आवंटन कर दिया गया है और उन्होने कड़े शब्दो मे कहा की जो भी स्कूल बजट माइनस मे जाने की बात कहते है वे स्कूल बच्चो का फर्जी उपस्थिती दिखाते है उन स्कूलो पर जांच कर कारवाई की जाएगी ,
संवाद सूत्र जादूगोड़ा 22/04/2014
एमडीएम मसले पर तमाम सरकारी दावे खोखले साबित हुए है पूरे पोटका प्रखण्ड का शायद ही कोई विद्यालय हो जहां मिड डे मिल सफलतापूर्वक संचालित हो रही है ,
एमडीएम की विफलता का सीधा असर प्रखण्ड के संचालित सरकारी विद्यालयो मे पड़ रहा है और इन विद्यालयो मे अभी तक 10 % भी नामांकन नही हो पाया है ,
एक तरफ जहां भीषण गर्मी मे नोनिहालों के हलक सुख रहे है वहीं एमडीएम के अनियमितता ने उनका निवाला भी छिन लिया है ,
एमडीएम बंद होने के कारण पोटका प्रखण्ड के मध्य विद्यालय भाटिन मे 20 प्रतिशत बच्चो की संख्या घट गयी है इस स्कूल मे एक से आठ तक पढ़ाई होती है और कुल विद्यार्थियो की संख्या 278 है , वहाँ के प्राचार्य दुहीराम मांझी ने बताया की फंड की कमी के कारन एमडीएम बंद किया गया है यहाँ पर 18 फरवरी 2014 से एमडीएम बंद है और स्कूल करीब पाँच हज़ार के लॉस पर चल रहा है ,
उसी प्रकार उत्क्रमित मध्य विद्यालय तिलाईटांड़ मे एक से आठ तक की पढ़ाई होती है और यहाँ कुल 161 विद्यार्थी है और एमडीएम बंद होने के कारण यहाँ मंगलवार को केवल 78 बच्चो की उपस्थिती थी यानि 50 प्रतिशत से भी कम उपस्थिती थी , स्कूल के प्राचार्य केसी साव ने बताया की 12 दिन से एमडीएम बंद है और स्कूल माइनस 11000 के नुकसान पर चल रहा है ,
उत्क्रमित मध्य विद्यालय तिलाईटांड़ स्कूल का आंकड़ा मंगलवार को इस प्रकार था
क्लास एक – कुल छात्र 18 उपस्थिती -11
क्लास दो – कुल 18 उपस्थिती 16
क्लास तीन – कुल 16 उपस्थिती 12
क्लास चार – कुल 18 उपस्थिती 11
क्लास पाँच – कुल छात्र 27 उपस्थिती – 15
क्लास छह – कुल 23 उपस्थित – 13
क्लास सात – कुल 27 उपस्थित – 11
क्लास आठ – कुल 28 उपस्थित – 9
ये तो केवल एक स्कूल का आंकड़ा दिया गया है इसी प्रकार प्रखण्ड के अन्य स्कूलो का हाल आसानी से समझा जा सकता है ,
इस संबंध मे डीएससी पूर्वी सिंहभूम का कहना है की राशि का आवंटन कर दिया गया है और उन्होने कड़े शब्दो मे कहा की जो भी स्कूल बजट माइनस मे जाने की बात कहते है वे स्कूल बच्चो का फर्जी उपस्थिती दिखाते है उन स्कूलो पर जांच कर कारवाई की जाएगी ,
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