International women’s day:महिलाओं को कुछ अलग करने के लिए समाज की परवाह छोड़नी पङती है -अन्नी अमृता

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रांची.

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है.इस मौके पर रांची विश्वविद्यालय के IMS यानि इंस्टीट्यूट of मैनेजमेंट स्टडीज़ परिसर में खास कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें खास तौर पर जमशेदपुर की पत्रकार अन्नी अमृता,पत्रकार अंतरा बोस और confident personalty coach रीमा डे ने बतौर गेस्ट स्पीकर भाग लेते हुए भावी मैनेजरों को महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर संबोधित किया।पत्रकार अन्नी अमृता ने कहा कि महिलाओं को कुछ अलग करने के लिए समाज की परवाह छोड़नी पड़ती है , चाहे लोग यह ही क्यों न कहें कि इस औरत का दिमाग बिगड़ गया है.ऐसे में घबराना नहीं चाहिए और अपनी प्रतिभा की ताकत पहचानते हुए आगे बढ़ने की कवायद होनी चाहिए।उन्हें राम प्रसाद बिस्मिल की ये शायरी याद रखनी चाहिए–
इन्हीं बिगड़े दिमागों में भरे खुशियों के लच्छे हैं
इन्हें बिगड़े ही रहने दो ये बिगड़े ही अच्छे हैं…

अन्नी ने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे बड़ी संख्या में महिला पत्रकार नकारात्मक लोगो़ की परवाह न करते हुए पत्रकारिता के माध्यम से जनसेवा कर समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं.पत्रकार अंतरा बोस ने महिलाओं पर बनाए जा रहे अश्लील गानों पर सवाल खड़ा किया और नई पीढ़ी से निवेदन किया कि ऐसे गानों का बहिष्कार करें जो औरत के सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं.उधर confident personality कोच रीमा डे ने कहा कि लैंगिक भेदभाव और अन्य तरह के भेदभाव को पहचानने की जरूरत है ताकि उसमें सही मार्गदर्शन के साथ आगे बढ़ा जा सके.

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रांची यूनिवर्सिटी की वीसी कामिनी सिंह ने सबको महिला दिवस की बधाई दी और कहा कि महिलाएं पहले से ही सशक्त हैं, उनको सशक्त बनाने की जरूरत नहीं, सम्मान और बेहतर माहौल देने की जरूरत है.

कार्यक्रम में छात्रों ने गीत संगीत और नाटकों के माध्यम से दहेज, भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों को दर्शाया.
कार्यक्रम का आयोजन और संचालन IMS की फैकल्टी सह सामाजिक कार्यकर्ता मालविका शर्मा ने किया.

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