बिलासपुर,
मंडल रेल प्रशासन द्वारा रेल परिसर एवं चलती ट्रेनों में स्वच्छता व्यवस्था को और अधिक प्रभावी एवं सुव्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से विशेष स्वच्छता-जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में 16 और 17 नवंबर को दो महत्वपूर्ण ट्रेनों—12809 सीएसएमटी–हावड़ा मेल और 18477 उत्कल एक्सप्रेस—तथा बिलासपुर स्टेशन पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए स्वच्छता और कचरा प्रबंधन से जुड़ा विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया।
12809 सीएसएमटी–हावड़ा मेल में स्वच्छता पर विशेष सत्र
17 नवंबर को आयोजित सत्र में सीएसएमटी–हावड़ा मेल में कार्यरत OBHS स्टाफ एवं पैंट्रीकार कर्मचारियों को कचरा प्रबंधन की संपूर्ण प्रक्रिया, मानकों और सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। यह काउंसलिंग सीसीई/बिलासपुर, स्टेशन सुपरीटेंडेंट (कमर्शियल), वाणिज्य विभाग की स्पेशल टीम तथा सीएचआई/बिलासपुर की उपस्थिति में संपन्न हुई। कर्मचारियों को बताया गया कि कचरे का सही संग्रहण, पृथक्करण और सुरक्षित निस्तारीकरण न केवल स्वच्छता बनाए रखने में सहायक है, बल्कि यात्रियों के स्वास्थ्य और ट्रेन के वातावरण हेतु अत्यंत आवश्यक है।
इस दौरान उन्हें यह भी समझाया गया कि चलती ट्रेन में स्वच्छता मानकों का पालन किस प्रकार यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाता है। सभी स्टाफ को यात्रियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने, डस्टबिन में कचरा डालने के लिए प्रेरित करने और कोच में साफ-सफाई बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया गया। अधिकारियों ने जोर दिया कि स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए नियमित और जिम्मेदाराना कचरा निपटान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
18477 उत्कल एक्सप्रेस और बिलासपुर स्टेशन पर विशेष काउंसलिंग
दूसरी ओर, 16 नवंबर को उत्कल एक्सप्रेस तथा बिलासपुर स्टेशन परिसर के CTS (क्लीन ट्रेन स्टेशन) स्टाफ के लिए भी इसी विषय पर एक विशेष काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर CCE/बिलासपुर, स्टेशन सुपरीटेंडेंट (कमर्शियल), सिविल डिफेंस स्टाफ और सीएचआई/बिलासपुर की संयुक्त टीम ने कर्मचारियों को कचरा संग्रहण, पृथक्करण और निपटान की वैज्ञानिक प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान की। CTS कर्मचारियों को स्टेशन पर स्वच्छता मानकों को बनाए रखने हेतु अपनाई जाने वाली तकनीकों और सावधानियों से अवगत कराया गया।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुराग कुमार सिंह ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण सत्र रेलवे परिसर और ट्रेनों दोनों में स्वच्छता स्तर को ऊंचा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि “स्वच्छ रेल–सुंदर रेल” की अवधारणा को साकार करने के लिए ऐसे प्रयास आगे भी निरंतर जारी रहेंगे। उनका कहना था कि इन पहलों से न केवल स्वच्छता को बढ़ावा मिलता है, बल्कि कर्मचारियों में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत होती है।
रेल प्रशासन का मानना है कि नियमित काउंसलिंग, तकनीकी मार्गदर्शन और स्वच्छता मानकों के पालन से रेलवे न सिर्फ यात्रियों को बेहतर सफर प्रदान कर सकेगा, बल्कि रेल परिसरों को भी अधिक स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जा सकेगा।


