जमशेदपुर।
झारखंड के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने वाली एक ऐतिहासिक परियोजना जल्द ही धरातल पर उतरने जा रही है। देश की स्वदेशी और तेज़गति की ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच अब झारखंड में ही तैयार किए जाएंगे। पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया प्रखंड में 4000 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक रेल कोच निर्माण फैक्ट्री की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना का क्रियान्वयन M/S वोल्टोस रेल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।

इस आशय की जानकारी बहरागोड़ा विधायक समीर कुमार महंती ने दी। उन्होंने बताया कि वोल्टोस रेल के प्रोजेक्ट निदेशक एवं सलाहकार विष्णु गर्ग ने हाल ही में जमशेदपुर में उनसे मुलाकात कर इस परियोजना से जुड़ी विस्तृत योजना साझा की है।
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पूर्वी भारत की पहली रेल कोच फैक्ट्री
यह फैक्ट्री न केवल झारखंड, बल्कि पूर्वी भारत की पहली वंदे भारत मैन्युफैक्चरिंग यूनिट होगी। यहां ट्रेन के कोचों के साथ-साथ चक्कों का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे क्षेत्र को राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क में नई पहचान मिलेगी।
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रोजगार और क्षेत्रीय विकास की उम्मीदें
परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 4000 युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, यह पहल चाकुलिया और इसके आस-पास के गांवों — गदराशोल, चालियाम, महतीबाड़ी आदि — में आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगी।
भूमि अधिग्रहण और समयसीमा
फैक्ट्री के लिए कुल 700 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, जिसमें से 205 एकड़ का अधिग्रहण पूरा, 200 एकड़ का अधिग्रहण प्रक्रियाधीन और शेष भूमि दूसरे चरण में अधिग्रहित की जाएगी। अगस्त 2025 में झारखंड सरकार और वोल्टोस कंपनी के बीच MoU पर हस्ताक्षर की योजना है, जिसके पश्चात निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
विधायक महंती ने बताया कि अधिग्रहण प्रक्रिया में लगभग 5–6 महीने लग सकते हैं और इसके बाद निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। कंपनी ने 2027 तक उत्पादन प्रारंभ करने का लक्ष्य तय किया है।
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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में MoU
इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होगी। सरकार का मानना है कि यह परियोजना न केवल राज्य के औद्योगिक बुनियादी ढांचे को सशक्त करेगी, बल्कि झारखंड को राष्ट्रीय निर्माण मानचित्र पर सशक्त उपस्थिति दिलाएगी।