नई दिल्ली।
देश के रेल मंत्री ने अपने पूज्य पिता के निधन के बावजूद कर्तव्यपरायणता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए रेलवे की सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर ध्यान देना नहीं छोड़ा। जब वे पारिवारिक शोक में थे और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में व्यस्त थे, तब भी उन्होंने 9 जुलाई को फोन पर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक कर लेवल क्रॉसिंग (LC) गेट सुरक्षा अभियान की गहन समीक्षा की और 11 बिंदुओं पर आधारित निर्देश जारी किए।
इस समीक्षा बैठक के तहत 8 जुलाई से 15 दिवसीय विशेष अभियान की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में लेवल क्रॉसिंग गेट्स की सुरक्षा व्यवस्था को जांचना और सुधारना है।
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रेल मंत्री द्वारा दिए गए 11 निर्देश इस प्रकार हैं:
हर लेवल क्रॉसिंग गेट पर CCTV कैमरे और रिकॉर्डिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाए जाएं। बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए सोलर पैनल, बैटरी बैकअप और UPS की व्यवस्था की जाए।
‘Close to Road Traffic’ गेट्स को ‘Open to Road Traffic’ में बदलने की नीति की समीक्षा की जाए, ताकि दुर्घटनाओं की आशंका को कम किया जा सके।
सभी LC गेट्स का इंटरलॉकिंग कार्य प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए।
रेलवे की PSU कंपनियों को भी इंटरलॉकिंग और निर्माण कार्यों में सक्रिय भागीदारी हेतु जोड़ा जाए।
TVU सीमा को घटाकर 10,000 कर दिया गया है। पहले यह सीमा 20,000 थी।
10,000 TVU से अधिक वाले गेट्स को बिना किसी योजना के इंतजार के, तुरंत इंटरलॉक किया जाए।
प्रत्येक मंडल प्रतिदिन कम से कम दो गैर-इंटरलॉक गेट्स की वॉइस रिकॉर्डिंग की रैंडम जांच करे।
DRM यह सुनिश्चित करें कि वॉइस लॉगर सिस्टम पूरी तरह कार्यशील एवं अपडेटेड हो।
स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्ड्स को मानक अनुरूप स्थापित किया जाए। किसी भी चूक की स्थिति में त्वरित सुधार हो।
ROB/LHS/RUB निर्माण कार्यों में तेजी लाकर अधिकतम गेट्स को हटाया जाए।
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संवेदनशील और भीड़भाड़ वाले गेट्स पर RPF या होमगार्ड की तैनाती की जाए, जहां पूर्व में गेटमैन के साथ दुर्व्यवहार या दबाव की घटनाएं दर्ज की गई हों।
रेल मंत्री का यह निर्णय न केवल कर्तव्यनिष्ठता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार रेलवे संरक्षा को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है। इस पहल से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि रेल पथ और सड़क यातायात के बीच समन्वय भी बेहतर होगा।

