रवि कुमार झा,जमशेदपुर,17 मई
आई सी एस सी बोर्ड ने अपनी 12वी के नतीजा घोषित कर दिये है जमशेदपुर के लोयला स्कुल के छात्र आयुष बनर्जी ने आईसीएससी में इण्डिया टॉपर बनने का गौरव प्राप्त किया है ।आयुष ने 99,25 प्रतिशत अंक लाकर इस स्थान को प्राप्त किया है ।जमशेदपुर के कदमा के पारडीह रोङ के कैजर बंगला के 8 के रहनेवाले पी के बनर्जी के पुत्र है आयुष बनर्जी ।घर मे उसे लोग राहुल कहकर बुलाते है पीके बनर्जी के दो पुत्र है जिसमे बङा पुत्र आयुष है जब कि दुसरा पुत्र अभी लोयला स्कुल के क्लास -6 में पढता है ।फिलहाल उसका ध्यान 25 मई को होनेवाली जेईई एडवांस पर है। जेईई मेन में उसे 219 अंक मिले हैं। इंजीनियरिंग का ट्रेड भी तय कर रखा है, केमिकल या फिर मैकेनिकल इंजीनियरिंग। उसके बाद सिविल सेवा में जाने की इच्छा है। देश के लिए कुछ करना चाहता है लेकिन वह अभी दूर की बात है। आइएससी परीक्षा में देश में शीर्ष पर रहने की जहां तक बात है तो इसकी उम्मीद नहीं थी। हालांकि परीक्षा में सभी विषयों के पेपर अच्छे हुए थे। बाकी ‘लक फैक्टर’ ने काम किया।
आयुष के पिता पी के बनर्जी टाटा स्टील में वरीय पदाधिकारी पद पर कार्यरत है.आयुष ने पत्रकारो से बातचीत में इसका श्रेय अपने माता-पिता,दादा-दादी और नानी को देता है और इसके अलावे वह अपने स्कुल के शिक्षक को भी इसका श्रेय देता है आयुष ने कहा कि अब उसकी अगली इच्छा कि आईआईटी या बिस्ट पिलानी मे नामाकन हो जाए,और उसी की तैयारी कर रहा हुं।राहुल ने बताया कि उसके पिता के मित्र का फोन आया कि वह इण्डिया टॉपर बना है लेकिन उसे विश्वास नही हुआ कुछ देर के बाद जब स्कुल से फोन आया तब उस लगा कि उसके पिता के मित्र ने जो बात कही वह सही था।
आयुष के पिता ने कहा कि राहुल के द्वारा टॉप होता था ये तो पता था लेकिन इण्डिया टॉपर होगा शायद ये सपना था और राहुल ने इसे सच कर दिया उन्होने कहा कि आयुष का तो शुरुआत है वह इंजीनींरिंग कर के अगर सिवील सर्विसेस में जाए तो अच्छा होगा .आयुष शुऱु से स्कुल में प्रथम होते आ रहा है ।
जब मन लगे तभी पढे़ं :
आइएससी में इंडिया टॉपर आयुष की पढ़ाई किसी भी सामान्य छात्र की तरह हुई। उसका मानना है कि जब भी आपका मन लगे तब पढ़ाई करनी चाहिए क्योंकि याद करने की क्षमता भी एक प्रतिभा ही है। आयुष ने स्कूल की पढ़ाई, इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए प्रेरणा क्लासेस की कोचिंग के बाद घर में दो-तीन घंटे नियमित पढ़ाई की। इतनी पढ़ाई को वह पर्याप्त मानता है लेकिन जूनियर छात्रों के लिए उसका यही संदेश है कि पढ़ाई करें तो पूरे मन से। जो विषय कमजोर हों उसपर ज्यादा ध्यान तो देना ही पड़ता है।
केमिस्ट्री पसंदीदा, गणित थोड़ा कठिन :
आयुष बनर्जी का पसंदीदा विषय केमिस्ट्री है जबकि कठिन कहा जाए तो इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए गणित विषय में थोड़ी दिक्कत होती है। आइआइटी खड़गपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक व पीएचडी पिता डॉ. पीके बनर्जी से रासायनिक संक्रियाओं में रुचि विरासत में मिली है। उसका मानना है कि रसायन विज्ञान में जानने के लिए असीमित बाते हैं।
पढ़ाई के साथ खेलकूद भी जरूरी :
आयुष बनर्जी पढ़ाई के अलावा बास्केटबॉल का अच्छा खिलाड़ी भी है। डिबेटिंग, ओरेशन आदि में वह हमेशा सजग होकर भाग लेता रहा है। कई पुरस्कार भी उसने जीते हैं।
शांत स्वभाव, औरों से अलग : फादर सेबेस्टियन :
लोयोला स्कूल के प्राचार्य फादर सेबेस्टियन पुथनपुरा बताते हैं कि इंडिया टॉपर आयुष काफी शांत स्वभाव का है। इसी वजह से वह औरों से अलग है। याद करते हुए कहते हैं कि नैतिक शिक्षा की कक्षा वे स्वयं लेते हैं। इस कक्षा में आयुष से कई बार बातचीत होती रही। वह शांत स्वभाव का और गंभीर लड़का है। देश में बेहतर प्रदर्शन करने की खबर से पूरा स्कूल परिवार काफी प्रसन्न है। हमें काफी गर्व महसूस हो रहा है।
परिवार का पूरा सहयोग :
व्यस्तता की वजह से आयुष के पिता डॉ. पीके बनर्जी के पास आयुष को पढ़ाने का समय नहीं मिलता। मां अनुराधा बनर्जी को आयुष को पढ़ने के लिए कभी दबाव नहीं डालना पड़ा। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान विषय में स्नातकोत्तर गोल्ड मेडलिस्ट मां अनुराधा, पिता बीटेक, पीएचडी डॉ. पीके बनर्जी और छोटा भाई प्रत्युष (लोयोला स्कूल में ही छठी कक्षा का छात्र) के परिवार में पढ़ाई का पूरा माहौल है।
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