
ANNI AMRITA
सुबह सुबह यह खबर सुनकर यकीं नहीं हुआ कि रामोजी सर नहीं रहे…मेरे लिए यह बहुत बड़ी क्षति है.
आज मैं और कई पत्रकार जो कुछ भी हैं वह रामोजी राव सर की ही बदौलत हैं..ईनाडु समूह और रामोजी फिल्म सिटी के संस्थापक रामोजी राव ने ईटीवी का ऐसा नेटवर्क बनाया जिसने पत्रकारिता के वो आयाम बनाए कि आज भी वह जनता के जेहन में है.आज भी पत्रकारिता में स्वतंत्रता और ईमानदारी की ईटीवी की लकीर को कोई पार नहीं कर पाया.ईटीवी समूह के चेयरमैन के रुप में हमें एक ऐसे बाॅस मिले थे जिन्होंने सबको ईमानदारी और सच्चाई से काम करने की वह आजादी दी जो आज एजेंडा की पत्रकारिता के दौर में दुर्लभ है.
आज फिर वह दिन याद आ रहा है जब उन्होंने ईटीवी बिहार/झारखंड की पहली महिला स्टाफ रिपोर्टर/ काॅपी एडिटर को न सिर्फ डेस्क से फील्ड(पहले हैदराबाद से पटना और फिर पटना से जमशेदपुर)में भेजा बल्कि टू एमबी का इंचार्ज भी बनाया.वह महिला मैं ही थी..मेरे जीवन के कठिन क्षणों में रामोजी सर ने जिस तरह मुझ पर भरोसा किया, मुझे मौका दिया वह याद करके आज आंखों में आंसू आ रहे हैं.चाहे ईटीवी न्यूज 18बन गया और वातावरण बदल गया, चाहे कहीं और काम किया पर शायद ही कोई दिन होगा जब हम ईटीवीएन्स ने रामोजी राव सर को मिस न किया हो…

वे महिलाओं का बहुत सम्मान करते थे और उनकी परेशानियों का ख्याल रखते थे.कहना न होगा कि ईटीवी में जितने सुरक्षित माहौल में काम किया वह भी आज दुर्लभ है.
हम सब उन्हें चेयरमैन सर कहते थे.वे हर तीन महीने पर मीटिंग बुलाते थे, जिसमें हैदराबाद जाने का सबको बारी बारी से मौका मिल जाता था.इस तरीके से वह अपने हर कर्मचारी से मिल पाते थे और वह सबको पहचानते थे.आज भी ईटीवी में काम कर चुके लोग एक दूसरे से एक परिवार की तरह संपर्क में रहते हैं.
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को यह दुख सहने की शक्ति….
एक सुनहरे युग का अंत हो गया.
अलविदा चेयरमैन सर…
–अन्नी अमृता