रांची।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यदि किसी जमीन में कोई गरीब परिवार काफी पहले से रह रहा है तो, उसे नियमित करने के बारे में सरकार सर्वे करायेगी, लेकिन भू माफिया द्वारा कब्जा की गयी जमीनों को खाली करना होगा। उन्होंने कहा कि जमीन म्यूटेशन से जुड़े मामलों को अगले तीन माह में अभियान के तौर पर अंचलवार कैंप लगाकर सुलझाये जायेंगे। इसके लिए एक कैलेंडर बनाया जायेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में झारखंड के सभी किसानों को शामिल करने के लिए कैंप लगाया जायेगा। वे आज कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित किसान संवाद कार्यक्रम को संबांधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले इस कार्यक्रम में पूरे राज्य से किसान प्रतिनिधि आये हुए थे।
मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि खासमहल की लीज की दर को कम करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। हर माह ग्राम सभा नहीं करनेवाले मुखिया की शिकायत दूरभाष 181 पर करें। उन्होंने किसानों से कहा कि वे किसी के बहकावे में न आयें। कुछ लोग नहीं चाहते की गरीब, आदिवासी, किसानों का विकास हो। वे लोगों में भ्रम फैलाकर राज्य में विकास कार्य अवरुद्ध करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति के किसी की भी जमीन नहीं ली जायेगी। गांव में स्कूल, अस्पताल, सड़क, नहर, आंगनबाड़ी आदि का निर्माण किया जाना है। इसका लाभ गांव के लोगों को ही मिलेगा। उन्हें इलाज एवं पढ़ाई को लिए दूर नहीं जाना होगा। सिंचाई के लिए नहर, चेकडैम आदि से साल भर में एक से ज्यादा फसल उपजाई जा सकेगी जिससे काम के लिए आदिवासी परिवारों को दूसरे प्रदेश नहीं जाना होगा। उनकी बच्चियों को यहीं प्रशिक्षण भी दिया जायेगा, जिससे वे छोटे-छोटे काम कर सकेंगी। गांव में चिकित्सा व्यवस्था सुधारने के लिए वहां के बी0एस0सी0 पास लड़के-लड़कियों को तीन साल का डिप्लोमा कोर्स कराकर स्वास्थ्य केन्द्र से जोड़ा जायेगा। नौ जिले में नर्सिंग कॉलेज भी शुरू किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर छह माह में ऐसे संवाद कार्यक्रम करेंगे। कृषि मंत्री हर तीन माह में किसानों के साथ संवाद कर उनकी समस्या व सुझाव जानेंगे। हर खेत को पानी और हर हाथ को काम यह उनकी सरकार की प्राथमिकता है। डोभा में मछली पालन के लिए भी सरकार बीज देगी। इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। मंडियों में किसानों को सही मूल्य मिले, इसके लिए पी0पी0पी0 मोड पर खरीद को अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त से पूर्व पूरे राज्य में पंचायत सचिवालय का गठन कर लिया जायेगा। इसके माध्यम से ग्रामीण घर बैठे ही जरूरी प्रमाण पत्र पा सकेंगे। साथ ही यह सचिवालय इंदिरा आवास, कृषि उपकरण आदि के सही हकदारों को भी चिह्नित करेंगा। स्वर्णरेखा परियोजना से संबंधित समस्या से अवगत होने पर श्री दास ने कहा कि वे स्वर्णरेखा परियोजना से जुड़े गांवों के किसानों के साथ बैठक कर उनकी समस्या का समाधान करेंगे।
कार्यक्रम में किसानों ने जमीन, सिंचाई समेत अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी व सुझाव दिये। बैठक में तय किया गया कि ईंट भट्टे के लिए लाइसेंस देने समय मिट्टी की लेबलिंग की शर्त जोड़ी जायेगी, ताकि बाद में वहां की जमीन काम योग्य रहे। साथ ही पंचायत स्तर पर कृषक पाठशाला के गठन पर भी विचार किया गया। कृषक पाठशाला के होने से गांवों की महिलाएं भी लाभांवित होंगी। हाटों में किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिलने की शिकायत किए जाने पर प्रत्येक हाट में शिकायत केंद्र खोलने के सुझाव पर भी सहमति बनी।
