जमशेदपुर। लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रारंभ हुए प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का क्रम अब भी जारी है। शनिवार को काम की तलाश में चेन्नई गए पांच आदिवासी प्रवासी मजदूर जमशेदपुर पहुंचे। भूखे-प्यासे करनडीह पहुंचने पर भाजपा नेता रमेश हांसदा ने उनका हाल जान साकची के एक होटल में खाना खिलाया। तत्पश्चात सभी मजदूरों को जिला भाजपा कार्यालय लाया गया। इस दौरान सभी मजदूरों को उनके संघर्ष व इक्षाशक्ति के लिए सम्मानित कर शुभकामनाएं व्यक्त की गई। हाल-खबर पूछने के क्रम में मजदूरों के पाकुड़ निवासी होने की जानकारी हुई। जिसपर भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्य्क्ष गुंजन यादव एवं भाजपा नेता भरत सिंह ने सभी मजदूरों के पाकुड़ जाने की समुचित व्यवस्था कर रवाना किया। इस दौरान महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि हेमंत सरकार ने लॉकडाउन के पहले दिन से प्रवासी मजदूरों और छात्रों के प्रदेश वापसी पर संवेदनहीनता का परिचय दिया। कई मुश्किलों में घिरे झारखंड के युवक-युवतियों को हेमंत सरकार ने उनके हाल पर छोड़ दिया। आलम यह है कि चेन्नई से आदिवासी भाई अपने घर लौटने को विवश हैं, और उनके दुख दर्द की सुध लेने वाला अब भी कोई नहीं। ऐसा दृश्य सरकार की संवेदनहीनता व विफलता का परिचायक है। कहा कि लॉकडाउन में भाजपा जमशेदपुर समेत पूरे प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं ने सेवा को सर्वोपरि मानकर जरूरतमंदों की सेवा की, सेवा का हमारा यह संकल्प मजबूती के साथ आगे बढ़ता रहेगा। वहीं, भाजपा नेता रमेश हांसदा ने कहा कि एक तरफ संताल परगना झामुमो का गढ़ है, इसके बावजूद झामुमो सरकार को आदिवासियों के दुख-दर्द से कोई सरोकार नहीं है। मदद पाकर सभी प्रवासी मजदूरों ने भारतीय जनता पार्टी के प्रति आभार जताया।
मजदूरों के नाम व निवास स्थान:
1. कान्हू सोरेन, डाहरलामी लिट्टीपड़ा, पाकुड़
2. रावण हांसदा, दोमहानि, पाकुड़ईया
3. राजेश मुर्मू, सोनाढानी, लिट्टी पड़ा
4 शिवधन मुर्मू, बरामसिया, लिट्टी पड़ा
5. विभीषण टुडू, पाकुड़
इस दौरान भाजपा महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, भरत सिंह, रमेश हांसदा, रमेश बास्के, बिनानंद सिरका, संजय मुंडा, आशुतोष दास, महाबीर कर्मकार, विनोद गुप्ता व अन्य का योगदान रहा।
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