चाईबासा।चाइल्ड इन नीड इन्स्टीट्यूट (सिनी), झारखण्ड द्वारा प्रमण्डलीय आयुक्त, कोल्हान प्रमंडल एवं जिला समाज कल्याण शाखा,पश्चिमी सिंहभूम के समन्वय से ‘बाल देखरेख संस्थान में बच्चों के गुणात्मक देखभाल, शीघ्र पुनर्वासन एवं संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा’ विषय पर दो दिवसीय प्रमण्डलीय स्तरीय कार्यशाला का आयोजन होटल सैफरन सुईट, चाईबासा में दिनांक 11 अक्टूबर, 2022 को किया गया। बाल देखरेख संस्थानों में बच्चों की समुचित देखभाल, सुरक्षा एवं उनका सामाजिक अन्वेषण कर बच्चे के परिवार के पुनर्स्थापन को सुगम बनाने के उद्देश्य से उक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया ताकि किशोर न्याय (बालकों का देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रावधानों के अनुरूप बाल गृहों को बच्चों के लिए अंतिम एवं अल्पावधिक विकल्प के रूप में देखा जा सके।
उक्त कार्यशाला के दौरान बाल देखरेख संस्थानों में रहने वाले बच्चों के परिवार में पुनर्स्थापन की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों, बाल देखरेख संस्थानों में अभिलेखों का संधारण एवं किशोर न्याय नियम में उल्लिखित प्रक्रियाओं के अनुपालन में कठिनाइयों पर चर्चा के साथ-साथ प्रमण्डल स्तरीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रमण्डलीय आयुक्त “सिंहभूम” कोल्हान मनोज कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि बाल संरक्षण के मुद्दे पर काफी संवेदनशीलता से काम करने की आवश्यकता है। इस विषय पर बच्चों एवं समुदाय को जागरूक कर इसकी रोकथाम के लिए कारगर प्रयास किया जा सकता है। सरकार द्वारा बाल संरक्षण के मुद्दे पर स्थापित विभिन्न व्यवस्थाओं की चर्चा करते हुए आयुक्त ने सभी हितधारकों को परस्पर समन्वय स्थापित कर बच्चों के सर्वोतम हित के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने बालगृहों में संवासिन बच्चों के समुचित देखभाल एवं उनके परिवार में शीघ्रातिशीघ्र पुनर्स्थापन को सुनिश्चित करने में विभिन्न गैप को दूर कर प्रमण्डल में बाल सुलभ वातावरण के निर्माण का आहवान किया। उन्होंने वर्तमान में बच्चों में मादक द्रव्यों के सेवन की प्रवृति में हुए बढ़ोतरी पर अपनी चिंता व्यक्त की तथा उसके उन्मूलन हेतु प्रमण्डल स्तरीय अभियान के बारे में भी बताया। उन्होंने हमारे राज्य में बच्चों के विकास से सम्बन्धित विभिन्न सूचकांकों में राज्य के आँकडों पर भी चिंता व्यक्त की बच्चों की पारिवारिक परिस्थितियों को बेहतर कर बाल सुलभ वातावरण के निर्माण हेतु विभिन्न सरकारी योजनाओं से बच्चों और उनके परिवारों को जोड़ने पर बल देकर बच्चों के पारिवारिक अलगाव की संभावनाओं को कम करने पर भी बल दिया। उन्होंने बालगृह के संवासिन बच्चों को जैविक अथवा वैकल्पिक परिवार में स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि बच्चे का सर्वांगीण विकास पर बल दिया। साथ-ही-साथ, उन्होंने बालगृहों में रह रहे बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने एवं पश्चात्वर्ती देखभाल को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता भी जाहिर की
उक्त कार्यक्रम के दौरान सनातन तिरिया एवं रोहित कुमार महतो, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, प. सिंहभूम तथा सरायकेला-खरसावां ने भी अपने विचार साझा किए। श्रीमती अनिता सिन्हा, टीम लीड, सिनी ने सिनी के कार्यों एवं राज्य में बाल संरक्षण के मुद्दों के सम्बन्ध में अपने विचार रखे। कार्यशाला में पैनल चर्चा के दौरान प्रमण्डल में क्रियाशील, बाल गृहों में अभिलेखों के संधारण, सामाजिक अन्वेषण एवं पुनर्वासन की प्रक्रिया पर संजय ठाकुर, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, सरायकेला तथा डा. के. के. तिवारी, परीवीक्षा अधिकारी (गैर-संस्थागत देखभाल). प. सिंहभूम द्वारा अपने विचार साझा किए गए। कार्यशाला के दौरान कोल्हान प्रमण्डल अन्तर्गत तीनों जिलों के जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रतिनिधिगण, परिवीक्षा अधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्यगण, जिलों में संचालित बाल गृहों एवं चाइल्डलाइन के प्रतिनिणिगण, पैरा लीगल वॉलन्टियर के साथ-साथ सिनी, झारखण्ड की शिल्पा जयसवाल और सौमी चक्रवर्ती भी उपस्थित रहे।
Comments are closed.