BEKAR SAWAL @ANNI AMRITA -दुष्कर्म की मीडिया रिपोर्टिंग–हिंसा है, इज्ज़त से क्यों जोड़ते हैं?

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ANNI AMRITA

दुष्कर्म एक हिंसा है लेकिन हमारे भारतीय समाज का हाल ऐसा है कि इसे आपराधिक कृत्य न मानकर औरत की इज्ज़त से जोड़कर देखा जाता है।फलस्वरूप दुष्कर्म की पीड़िता को ही समाज दोषी मानने लगता है। आश्चचर्यजनक तो ये है कि ् मीडिया रिपोर्टिंग भी समाज की ही सोच पर चल रही है।अभी भी बड़ी संख्या में मीडिया जगत में लोग हैं जो दुष्कर्म की घटना को कुछ यूं लिखते हैं–“इज्ज़त तार तार हो गई, इज्ज़त लुट गई””वगैरह वगैरह।कोई नहीं सोचता कि इससे पीड़िता की मनोदशा पर कैसा असर होता है।देखा जाए तो गलत करनेवाले की इज्ज़त तार तार होनी चाहिए फिर पीड़िता की इज्ज़त कैसे तार तार हो जाती है?छोटी बच्चियों के साथ ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो उसको भी इज्ज़त से जोड़ेंगे या कहेंगे कि ऐसा कृत्य करनेवाले नरपिशाच है।जाहिर है सोच और लेखनी बदलने की जरूरत है।मीडिया अपनी लेखनी से समाज की सोच को बदल सकता है बस मीडिया को अपनी ताकत समझने और उसका सही प्रयोग करने की जरूरत है।

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