
आदित्यपुर

आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एसिया) Adityapur Small Industries Association के अध्यक्ष इन्दर कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में आज उद्यमियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज Jharkhand Industrial Area Development Authority (JIADA) जियाडा की प्रबंध निदेशक श्रीमती प्रेरणा दीक्षित (भा.प्र.से.) से राँची स्थित कार्यालय कक्ष में मुलाकात की तथा उनसे आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र (Adityapur Industrial Area) में व्याप्त समस्याओं का निदान कराने की अपील की. इस दौरान बताया गया कि उद्योग विभाग द्वारा जियाडा रेगुलेशन में सुधार करने हेतु व्यापक परिवर्तन किए जा रहे हैं. इसी संदर्भ में जियाडा द्वारा एसिया से भी सुझाव माँगा गया था.आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एसिया की टीम द्वारा रेगुलेशन ठीक से उद्योग हित में बने, इसके लिए विगत 15-20 दिनों से लगातार आपसी बैठक कर तैयारी की जा रही थी. ज़ियाडा द्वारा एसिया को नए रेगुलेशन के ड्रॉफ्ट की कॉपी दी गई थी. नए रेगुलेशन में प्रस्तावित ऐसे बहुत से नियमों का समावेश किया हुआ था, जो भविष्य में उद्योग हित के लिए अनुकूल नहीं थे. एसिया की पूरी टीम ने उन नियमों का विस्तार से अध्ययन किया, जहाँ-जहाँ नियम उद्योगों के अनुकूल नहीं थे, उन्हें ठीक करके उसकी कॉपी जियाडा की प्रबन्ध निदेशक प्रेरणा दीक्षित को सौंपी गई. जियाडा की प्रबन्ध निदेशक ने एसिया द्वारा विस्तार से दिए गए सुझावों का विस्तार से अध्ययन किया तथा अधिकांश सुझावों पर अपनी सहमति व्यक्त की. एसिया की टीम ने अपने दिये हुए सुझाव पड़ोसी राज्य बंगाल. ओडिसा तथा बिहार के नियमों के बारे में भी तुलनात्मक अध्ययन करके अपने सुझावों में उल्लेख किया था. जियाडा प्रबन्ध निदेशक ने एसिया की टीम के साथ लगातार दो घंटे से अधिक समय देकर इस संदर्भ में विचार-विमर्श किया तथा उन्होंने आश्वस्त किया एसिया के सुझावों को प्रमुखता से नए रेगुलेशन में रखा जाएगा. उल्लेखनीय है कि एसिया ने नगर निगम द्वारा बराबर होल्डिंग टैक्स की समस्या के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी गई है. होल्डिंग टैक्स के संदर्भ में नगर निगम द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से यह जानकारी दी जाती है कि माननीय उच्च न्यायालय ने औद्योगिक क्षेत्र के विरुद्ध निर्णय दिया है. जबकि वास्तविकता में नगर निगम द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय को ग़लत ढंग से प्रसारित किया जा रहा है. उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में भी नगर निगम बनाम औद्योगिक क्षेत्र के बारे में किसी भी प्रकार का कोई निर्णय ही नहीं दिया गया था. माननीय उच्च न्यायालय का जो निर्णय था, उस संदर्भ में एसिया की टीम द्वारा प्रबन्ध निदेशक प्रेरणा दीक्षित को को विस्तार से अवगत भी कराया गया.