नई दिल्ली -जीएसटी आसूचना मुख्यालय के महानिदेशालय ने दो कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी से 16 करोड़ रूपये से अधिक आईटीसी लेने के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ

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नई दिल्ली। जीएसटी आसूचना मुख्यालय के महानिदेशालय (डीजीजीआई मुख्यालय) ने मैसर्स सुशील कुमार मुनीश कुमार, हिसार हरियाणा के साझेदार और मैसर्स सुशील कुमार मुनीश कुमार एंड कंपनी, अहमदाबाद के नियंत्रक श्री मुनीश कुमार नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इन दोनों कंपनियों ने 16 करोड़ रूपये से अधिक आईटीसी धोखाधड़ी से लिया जिसमें गैर-मौजूद फर्जी कंपनियों द्वारा   जारी चालान पर 322 करोड़ रूपये मूल्य का चालान शामिल है। तत्पश्चात इन दो कंपनियों ने फर्जी तरीके से लिये गये आईटीसी को सुस्थापित कॉटन यार्न स्पिनरों को दे दिया, जिन्होंने सरकारी खजाने को लूटने के लिए एक गुप्त उद्देश्य के साथ बाहरी आपूर्ति के खिलाफ अपनी जीएसटी देयता का निर्वहन करने के लिए उसका लाभ उठाया। श्री मुनीष कुमार ने डीजीजीआई मुख्यालय द्वारा की गई जाँच के दौरान स्वीकार किया कि उक्त दोनों फर्मों ने गैर-मौजूद फर्जी फर्मों द्वारा जारी चालानों पर फर्जी तरीके से आईटीसी लिया था और फिर विभिन्न स्पिनरों को आगे बढ़ाया था। इस प्रकार, श्री मुनीश कुमार ने सीजीएसटी कानून, 2017 की धारा 132 (1) (बी) और 132 (1) (सी) के प्रावधानों के तहत अपराध किया है; जो सीजीएसटी कानून, 2017 की धारा 132 (5) के अंतर्गत संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है और  सीजीएसटी कानून, 2017 की धारा 132 (1) (i) के तहत दंडनीय है। नतीजतन, श्री मुनीश

कुमार को 21.06.2019 को सीजीएसटी कानून, 2017 की धारा 69 (1) के तहत गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में सीएमएम, नई दिल्ली के समक्ष पेश किया गया। सीएमएम ने मुनीश कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कपास उद्योग में फर्जी बिलिंग रैकेट में अब तक की गई जाँच के दौरान, डीजीजीआई मुख्यालय जीएसटी चोरी वाली 28 करोड़ रूपये की राशि बरामद कर चुका है। मामले में आगे की जांच जारी है।

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