अदाणी-केआईएसएस रेसिडेंशियल स्कूल ने आदिवासी बच्चों को लागत-मुक्त, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्‍ध करायी

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बारीपदा ओडिशा के मुख्यमंत्री  नवीन पटनायक ने बांकीशोल, बारीपदा, मयूरभंज, ओडिशा में 8 जनवरी 2020 को अदाणी-केआईएसएसरेसिडेंशियल स्कूल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री सुदम मरांडी, मंत्री, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, ओडिशा सरकार;श्री बिश्वेश्वर टुडू, संसद सदस्य (लोक सभा), मयूरभंज;श्रीमतीसरोजिनी हेम्ब्रम, संसद सदस्य (राज्‍य सभा);श्री प्रकाश सोरेन, विधायक, बारीपदा; डॉ. प्रीति अदाणी, चेयरपर्सन, अदाणी फाउंडेशन;श्री करण अदाणी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक, अदाणी पोर्ट्स और स्‍पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड और डॉ.अच्‍युतानंद सामंत, संस्थापक, कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआईएसएस) एवं कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्‍ट्रियल टेक्‍नोलॉजी (केआईआईटी) उपस्थित थे।

इस अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री  नवीन पटनायक ने कहा कि “सशक्‍तिकरण और परिवर्तन केवल शिक्षा के माध्यम से संभव हो सकता है।” उन्‍होंने बारीपदा में अदाणी-केआईएसएसरेसिडेंशियल स्कूल की स्थापना के लिए अदाणी समूह और केआईएसएसप्रबंधन को धन्यवाद दिया।

सभा को संबोधित करते हुए डॉ. प्रीति अदाणी, चेयरपर्सन, अदाणी फाउंडेशनने कहा कि “शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का सबसे शक्तिशाली साधन है। प्रतिष्ठित कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के साथ साझेदारी में ओडिशा के दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में शैक्षिक परिदृश्य को मजबूत करने पर अदाणी फाउंडेशन को प्रसन्‍नता मिली है।”

अपने स्वागत भाषण में डॉ.अच्‍युता सामंत, संस्थापक, केआईएसएसने कहा कि “केआईएसएसने 28 साल पहले शिक्षा के माध्यम से आदिवासी समाज को मुख्य धारा में शामिल करने के लिए पहल ली थी, आज सफलता हासिल कर चुकी है। आजकेआईएसएस विश्‍व की सबसे बड़ा आदिवासी संस्था और पहला आदिवासी विश्वविद्यालय है। वर्तमान में 30,000 से अधिक छात्र केजी से पीजी तक की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जबकि 20,000 छात्र सफलतापूर्वक अपनी शिक्षा पूरी कर चुके हैं और वे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार हासिल कर चुके हैं। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में ओडिशा के 10 आदिवासी बहुल जिलों में स्‍थित 10 अन्‍य शाखाओं में और 10,000 छात्र शिक्षा प्राप्‍त कर रहे हैं। केआईएसएस के लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कि यहां से शिक्षा प्राप्त करने वालों की संख्‍या 60,000 है; बल्‍कि महत्‍वपूर्ण यह है कि इसने ओडिशा और भारत के अन्य राज्यों के 60 लाख से अधिक आदिवासी छात्रों के बीच जागरूकता पैदा की है।”

डॉ.सामंत ने बताया कि “कई आदिवासी संगठनों और बुद्धिजीवियों ने मुझसे दलित और गरीब आदिवासी बच्चों के लिए मयूरभंज जिले में एक शाखा खोलने के बारे में कई बार निवेदन किया था। आजउनका अनुरोध पूरा हो गया है। मयूरभंज जिले के गरीब आदिवासी छात्रों को अदाणी-केआईएसएस रेसिडेंशियल स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। पहले चरण में, मयूरभंज जिले के 1500 छात्रों का कक्षा Iसे कक्षा XIIतक नामांकन किया जाएगा। अदाणी-केआईएसएस रेसिडेंशियल स्कूल से कक्षा XIIको पास करने वाले छात्र केआईएसएसडीम्ड यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर, ओडिशा में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्‍त कर सकते हैं।”केआईएसएसद्वारा इसका भी निर्णय लिया गया है कि केवल मयूरभंज के उम्मीदवारों को ही अदाणी-केआईएसएसमें रोजगार मिलेगा।

अदाणी-केआईएसएस रेसिडेंशियल स्कूल में सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्‍ध हैं। यह अदाणी फाउंडेशन के पूर्ण वित्तीय समर्थन से 50 एकड़ जमीन पर बना हुआ है।

इस अवसर पर, डॉ. प्रीति अदाणी द्वारा परिसर में 50 बिस्‍तरों वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया। यह अस्पताल छात्रों, अदाणी-केआईएसएसके कर्मचारियों के साथ-साथ मयूरभंज जिले के लोगों को संवाएं उपलब्‍ध करायेगा। इस 24×7 अस्पताल का प्रबंधन कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (केआईएमएस), भुवनेश्वर, ओडिशा द्वारा किया जाता है।कार्यक्रम में मयूरभंज जिले के लगभग 20,000 लोग उपस्थित थे।

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