जमशेदपुर।
सिदो-कान्हू मेमोरियल ओड़िआ विद्यालय, बागानटोला, परसुडीह, जमशेदपुर के वार्षिक समारोह सह पुरस्कार वितरण समारोह विद्यालय के अध्यक्ष बसंत कुमार बास्के अध्यक्षता में संपन्न हुआ । उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्कल एसोसिएशन के सहसचिव विभूति भूषण महांती, मुख्य वक्ता समाजसेवी श्रीमती विजय लक्ष्मी दास, सम्मानित अतिथि समाजसेवी डॉ उत्पला दाश, उत्कल सम्मीलनी के पर्यवेक्षक जयराम दासपात्रा, विशिष्ट अतिथि उत्कल बांधव समिति के महासचिव शशि कांत मिश्र, समाजसेवी श्री प्रशांत कुमार दास, समाजसेवी इंन्द्रमणी साहू तथा समाजसेवी विजय कुमार भूंया उपस्थित थे। सभी अतिथियों ने सामुहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर श्री जगन्नाथ जी की आरती के साथ सिदो-कान्हू के फोटो चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि विभूति भूषण महांती ने कहा कि शिक्षा के बिना कोई भी व्यक्ति सफलता हासिल नहीं कर सकता है । किसी जाति या वर्ग तब तक उन्नति नहीं कर सकता जब तक उनमें शिक्षा की कमी हो। जिस प्रकार ब्रह्मा विष्णु महेश है उसी तरह माता-पिता एवं गुरु है। अतः माता पिता को चाहिए कि बच्चों को स्कूल प्रतिदिन भेजे तथा विद्यालय में शिक्षकों को चाहिए कि बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ साथ उनके बौद्धिक विकास में सहायक प्रदान करे।
मुख्य वक्ता श्रीमती विजय लक्ष्मी दास ने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को चरित्रवान बनाना है। शिक्षा से ही रोजगार मिलेगा। शिक्षा ही मनुष्य को संपूर्ण व्यक्तित्व का धनी बनाता है। ज्ञान हासिल कर लोग समाज को सही मार्ग दिखाते हैं।
सम्मानित अतिथि डॉ उत्पला दाश ने कहा कि स्कूली शिक्षा के माध्यम से ही, हम व्यक्तित्व, मानसिक कुशलता, नैतिक और शारीरिक शक्ति का विकास करना सीखते हैं। बिना उचित शिक्षा के, एक व्यक्ति अपने जीवन के सभी शैक्षिक लाभों से वंचित रह जाता है। शिक्षा निजी और पेशेवर जीवन में सफलता की इकलौती कुंजी है। शिक्षा हमें विभिन्न प्रकार का ज्ञान और कौशल को प्रदान करती है।
उत्कल सम्मीलनी के पर्यवेक्षक श्री जयराम दासपात्रा ने कहा कि सभी बच्चों में कुछ जन्मजात प्रतिभा होती है, कुछ में विज्ञान, कुछ के पास इतिहास में, और अन्य खेल, नृत्य या क्रोनिंग में अच्छे हो सकते हैं। लेकिन इन प्रतिभाओं को मंच पर पेश करने से आत्मविश्वास, साहस और जीतने का आत्मविश्वास पैदा होता है। अतः जो बच्चे इस संबंध में रुचि रखते हैं उनके उस प्रतिभाओं को निखारने में बच्चों के माता-पिता के साथ साथ उनके शिक्षक शिक्षिकाओं को भी मदद करनी चाहिए।
विद्यालय के अध्यक्ष बसंत कुमार बास्के ने बताया कि यह विद्यालय 1972 से चल रहा है लेकिन आज तक सरकारी सहायता से वंचित हैं। सामाजिक संगठनों के मदद से यह विद्यालय चल रहा है। अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी अपने वक्तव्य रखा।
मुख्य अतिथि तथा अन्य अतिथियों ने सामुहिक रूप से इस वर्ष के परिक्षा में अव्वल आए छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया तथा बच्चों को निशुल्क किताबें प्रदान किया।
यु के जी – रामसाई सोरेन, प्रथम
– सूमीत्रा हेम्ब्रम, द्वीतिय
– कामेश्वर बास्के, तृतीय
प्रथम कक्षा – मनु सोरेन, प्रथम
– दीया टुडु, द्वितीय
– लक्ष्मी हेम्ब्रम,तृतीय
द्वितीय कक्षा- नुकुप्रेम हांसदा, प्रथम
– रविराज सोरेन, द्वितीय
– बीकी ब्रह्मा सिंह, तृतीय
तृतीय कक्षा- सींगु हेम्ब्रम, प्रथम
– सुशिल मुंडा, द्वितीय
– समीर सोरेन, तृतीय
चौथी कक्षा- दास रथी मुर्मू, प्रथम
-, पुजा मुंडा, द्वितीय
– चंपा पुर्ती, तृतीय
पांचवीं कक्षा- आरती टुडु, प्रथम
– रानी बेस्रा, द्वितीय
-सुरज बोदरा,तृतीय
उत्कल बांधव समिति के महासचिव श्री शशि कांत मिश्र ने सभी बच्चों को एक एक पी टी टी शर्ट देने का ऐलान किया। समाजसेवी विजय लक्ष्मी दास ने विद्यालय में एक मेडिकल हेल्थ चेकअप तथा विद्यालय कमरे की रंग-रोगन करने के लिए आश्वासन दिया। श्री विभूति भूषण महांती एवं अन्य अतिथियों ने मिलकर विद्यालय की शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए दस चेयर प्रदान किए।
धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री जीतराय माझी ने किया। मंच संचालन श्री उपेन्द्र माझी ने किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ साथ कोषाध्यक्ष रामचन्द्र सोरेन, शिक्षक शिक्षिकाओं, बच्चों के अभिभावकों उपस्थित थे।
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